Capital Grooup Lauds Indian Economy: अमेरिका के बड़ी फाइनेंस कंपनी कैपिटल ग्रुप ने भारत में मोदी सरकार के नेतृत्व में पिछले एक दशक में हुए सुधारों की तारीफ की है और भारत को अन्य उभरते बाजारों की तुलना में अधिक आकर्षक बताया है. ग्रुप ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि भारत में पिछले 10 वर्षों में राजनीतिक स्थिरता देखी गई है, जिससे आर्थिक विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता मिली है.


ग्रुप ने कहा है कि उच्च कॉरपोरेट आत्मविश्वास, अर्थव्यवस्था के विस्तार और तकनीकी उन्नति और इनोवेशन के साथ भारत के विकास मानदंड सही दिशा में इशारा कर रहे हैं. रिपोर्ट में मोदी सरकार के घरेलू इंफ्रास्ट्र्क्चर को बढ़ावा देने के प्रयासों को अर्थव्यवस्था के लिए बढ़िया बताया गया है.


दुनिया के सबसे बड़े मनी मैनेजमेंट ग्रुप को पसंद है भारत


कैपिटल ग्रुप एक अमेरिकी वित्तीय सेवा देने वाली निजी फर्म है, जो दुनिया भर में निवेश करती है. ये दुनिया के सबसे बड़े इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट संगठनों में से एक है. कैपिटल ग्रुप का मानना है कि भारत आगे बढ़ने के लिए तैयार है, जिसका श्रेय भारत में उभरने वाली यूनिकॉर्न की अधिकतम संख्या को दिया जा सकता है. 


ग्रुप ने इसे अन्य उभरते बाजारों की तुलना में अधिक आकर्षक बताया है और कहा है कि यहां रियल एस्टेट से लेकर फाइनेंस और दूरसंचार समेत सभी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर अवसर हैं. ग्रुप ने अपनी रिपोर्ट में कुछ पहलुओं का जिक्र किया है, जो बताते हैं कि भारत किस तरह से तेजी से आर्थिक विकास की ओर बढ़ रहा है


1- सुधारों ने दी विकास को रफ्तार


रिपोर्ट में कहा गया है कि जब से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में पदभार संभाला है, उन्होंने और उनकी टीम ने व्यापार-समर्थक सुधारों को शुरू करने में मदद की है, जिन्होंने विकास को गति दी है. कर्ज के विस्तार की सुविधा प्रदान करके और अर्थव्यवस्था के बड़े हिस्से को औपचारिक क्षेत्र में लाया गया है, जिसे कारोबार करने में आसानी के लिए किए गए बड़े बदलाव के रूप में देखा जा सकता है.


रिपोर्ट में पीएम मोदी के नेतृत्व में आधार, राष्ट्रीय वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी), यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) जैसे कई सुधार और कार्यक्रमों की तारीफ की गई है, जो उपभोक्ता ऋण को बढ़ावा देने, राज्य करों के अकुशल जाल को बदलने और इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन की सुविधा प्रदान करने और क्रेडिट प्रदान करने में मदद कर रहे हैं. साथ ही प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाया जा रहा है.


2- इंफ्रास्ट्रक्चर बूम


किसी भी देश के विकास के लिए सबसे जरूरी चीज है, बुनियादी ढांचा. भारत के लिए इसकी कमी सबसे बड़ी समस्या रही है लेकिन पिछले पांच वर्षों में, सरकार ने सड़कों, रेलमार्गों, हवाई अड्डों और बंदरगाहों के निर्माण में अरबों डॉलर खर्च किए हैं. कैपिटल ग्रुप की रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंबई आज 15 साल पहले की तुलना में पूरी तरह बदल गया है. आज यहां 50 या उससे मंजिल की दर्जनों इमारते हैं.


रिपोर्ट में भारत सरकार के लिए दोहरी भूमिका का जिक्र किया है. इसमें कहा गया है कि भारत सरकार घरेलू आबादी की क्षमता बढ़ाने के साथ ही निर्यात बाजार में भी बड़ा खिलाड़ी बनने में लगी है. 


3- बढ़ रहा भारत का इक्विटी बाजार


कैपिटल ग्रुप ने कहा है कि भारत के पूंजी बाजार में हाल के वर्षों में अधिक संख्या में आईपीओ लॉन्च हुए हैं. सार्वजनिक होने वाली कंपनियों के प्रकार और जो आईपीओ अभी पाइपलाइन में हैं, वे देश में हो परिवर्तन की झलक दिखाते हैं. दिसंबर 2022 तक यूनिकॉर्न (1 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य की गैर-सूचीबद्ध कंपनियां) की संख्या के मामले में भारत अब केवल अमेरिका और चीन से पीछे है.


4- रियल एस्टेट सेक्टर


कैपिटल ग्रुप ने भारत के रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी से वृद्धि का अनुमान लगाया है. 2031 तक भारत की जीडीपी में रियल एस्टेट का हिस्सा 15 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है, जो अभी 7 प्रतिशत है. इसमें कहा गया है कि सरकारी नीतियों ने भ्रष्ट प्रथाओं को सुधारने और उपभोक्ताओं के बीच घर खरीदने की प्रक्रिया में विश्वास पैदा करने में मदद की है.


केमिकल इंडस्ट्री की तारीफ करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़ी संख्या में सरकारें और बहुराष्ट्रीय कंपनियां चीन को छोड़कर निर्माण में विविधता लाने के लिए भारत का रुख कर रही हैं. पिछले दशक में कई रासायनिक कंपनियां सामने आई हैं.


5- डेमोग्राफी


पश्चिमी देश इस समय केवल चीन पर निर्भर रहने की जगह दूसरे विकल्पों की तलाश में हैं. इसे चाइना प्लस सोर्सिंग रणनीति कहा जाता है, जिसका सबसे ज्यादा फायदा भारत को होने जा रहा है. कैपिटल ग्रुप के अनुसार, भारत के आर्थिक विकास का बड़ा हिस्सा घरेलू खपत और निवेश से आएगा. 29 वर्ष की औसत आयु के साथ, भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे आकर्षक डेमोग्राफिक प्रोफाइल में से एक है. अगर सही नीतियां लागूं हों तो ये अपनी उत्पादक क्षमता से लाभ प्राप्त कर सकता है.


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