दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत ने सोमवार को दिल्ली दंगों की साजिश के आरोपी उमर खालिद की जमानत के फैसले को टाल दिया. खालिद की जमानत पर सोमवार को फैसला आना था, लेकिन कोर्ट अब 23 को अपना फैसला सुनाएगा. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र उमर खालिद की जमानत याचिका पर कोर्ट ने बीती 3 मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. उमर खालिद को दिल्ली दंगों से जुड़ी बड़ी साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उमर को आतंकवाद रोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया था.


अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत अब बुधवार 23 मार्च को फैसला सुनाएंगे. उमर खालिद की जमानत याचिका पर आदेश मूल रूप से 14 मार्च को सुनाया जाना था, लेकिन पिछले सप्ताहांत में खालिद के लिए लिखित प्रस्तुतियां दाखिल करने के कारण इसे टाल दिया गया था. याचिका पर सोमवार को फैसला होना था, हालांकि अभियोजन पक्ष द्वारा लिखित नोट दाखिल करने के बाद इसे फिर से टाल दिया गया है. 


उमर खालिद के खिलाफ एफआईआर में यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की रोकथाम अधिनियम, 1984 की धारा 3 और 4 सहित कड़े आरोप हैं. खालिद पर भारतीय दंड संहिता 1860 के तहत उल्लिखित विभिन्न अपराधों का भी आरोप है. पिछले साल सितंबर में इस मामले में मुख्य आरोप पत्र दायर किया गया था. इसके बाद नवंबर में जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद और जेएनयू के छात्र शारजील इमाम के खिलाफ फरवरी में पूर्वोत्तर दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा में कथित बड़ी साजिश से जुड़े एक मामले में एक पूरक आरोप पत्र दायर किया गया था. 


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