देश भर में वैक्सीनेशन अभियान के तहत हेल्थकेयर वर्कर्स के साथ फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्राथमिकता के आधार पर कोरोना का टीका लगाया गया है, हालांकि वैक्सीनेशन के लिये फ्रंटलाइन वर्कर्स की श्रेणी में पत्रकार शामिल नहीं हैं. गुरुवार को दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने केंद्र सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को पत्र लिखकर पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर मानते हुए प्राथमिकता के आधार पर उनके वैक्सीनेशन के लिये विचार करने की अपील की है. दिल्ली सरकार की ओर से प्रधानमंत्री को भेजे गये इस पत्र में लिखा है कि लोगों के बीच जाकर पत्रकारिता करने के चलते पत्रकारों को कोरोना संक्रमित होने का अधिक खतरा है, इसलिए उनका वैक्सीनेशन आवश्यक है.
दिल्ली सरकार द्वारा भेजे गये इस पत्र में कहा गया है कि पत्रकारिता सरकार और जनता के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु का काम करती है. सबसे मुश्किल हालात में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ-साथ मीडियाकर्मी भी सबसे आगे रहे हैं. महामारी के दौरान मीडिया ने सक्रिय रूप से लोगों को बीमारी के बारे में जानकारी देने और इसकी रोकथाम के लिए जागरूक करने का काम किया है. इसके साथ ही, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में सही जानकारी दी है, ताकि लोग खुद को सुरक्षित रख सकें.
पत्र में आगे लिखा है कि महत्वपूर्ण सहयोगी के रूप में पत्रकारों की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है. जानकारी जुटाने के लिए क्षेत्र में अस्पतालों का दौरा करना, मरीजों और स्वास्थ्य कर्मियों का साक्षात्कार करना आदि, अन्य फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं की तरह ही उन्हें भी संक्रमण के खतरे को इंगित करता है. दिल्ली सरकार ने पत्र के माध्यम से केंद्र सरकार से अपील की है कि पत्रकारों को फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं की श्रेणी में रखा जाए, ताकि उनका भी वैक्सीनेशन किया जा सके.
बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे लेकर ट्वीट भी किया था और लिखा था कि अधिकतर पत्रकार प्रतिकूल परिस्थितियों में रिपोर्टिंग कर रहे हैं. उन्हें फ्रंटलाइन वर्कर मानना चाहिए और प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन की अनुमति देनी चाहिए.