दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना से मिल रहा युवाओं को लाभ, जानिए क्या है उद्देश्य
ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को न्यूनतम मजदूरी के बराबर या फिर उससे अधिक पर रोजगार दिलाने के लिए दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना की शुरुआत की गई थी. इस योजना का उद्देश्य देशभर में तकरीबन 5.5 करोड़ ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार दिलाना है.
नई दिल्ली: हमारे देश में गरीबी सबसे बड़ा मुद्दा है, जिसका सबसे बड़ा कारण बेरोजगारी है. वहीं शिक्षा और उच्च तकनीक के अभाव में ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं का विकास काफी मुश्किल काम रहा है. ऐसे में केंद्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (DDU-GKY) की शुरुआत की है.
इस योजना की शुरुआत 25 सितंबर 2014 में हुई थी. इस योजना से ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को सरकार की ओर से ट्रेनिंग दी जाती है. जिससे उन्हें निर्धारित की गई न्यूनतम मजदूरी के बराबर या फिर उससे अधिक पर रोजगार उपलब्ध कराया जा सके. इसका संचालन भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से किया जाता है.
DDU-GKY का उद्देश्य
ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय की तरफ से की गई पहलों में से दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना एक है. इस योजना का उद्देश्य देशभर में तकरीबन 550 लाख से ज्यादा गरीब ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षण देकर स्थायी रोजगार प्रदान कराना है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार इस योजना का महत्व इसके क्रियान्वयन से देश में गरीब बेरोजगार युवा को रोजगार दिलाने की क्षमता है. इस योजना को पीएम मोदी के 'मेक इन इंडिया' अभियान के मुख्य योगदानकर्ता के रूप में कर सकते हैं.
DDU-GKY का कार्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोगों के अंदर रोजगार के प्रति जागरूकता बढ़ाना है. इसके लिए सबसे पहले ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगार युवाओं की पहचान की जाती है, जिसके बाद उन युवाओं को एकत्र किया जाता है जो रोजगार पाना चाहते हैं. योग्यता के आधार पर युवाओं में कुशलता का विकास करने के लिए चयन किया जाता है. जिसके बाद उन्हें उनकी कुशलता के अनुसार क्षेत्र में प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे की उन्हें न्यूनतम मजदूरी से ज्यादा भुगतान वाला रोजगार मुहैया हो सके.
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