नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज खेल पुरस्कार दिए. पैरालंपिक सिलवर मेडल विजेता दीपा मलिक राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला पैरा एथलीट और सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बन गयीं. लेकिन इसी पुरस्कार को हासिल करने वाले पहलवान बजरंग पूनिया ट्रेनिंग प्रतिबद्धताओं के कारण यहां राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में शिरकत नहीं कर पाये.


दीपा ने 2016 रियो पैरालंपिक में गोला फेंक एफ53 में सिलवर मेडल जीता था. उन्हें एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों के चैम्पियन पूनिया के साथ संयुक्त विजेता घोषित किया गया था जो कजाखस्तान में होने वाली आगामी चैम्पियनशिप की तैयारियों में जुटे हैं.


दीपा बनी ये पुरस्कार पाने वाली दूसरी पैरा एथलीट


इस तरह दीपा इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को हासिल करने वाली दूसरी पैरा एथलीट बन गयी, क्योंकि पैरालंपिक का दोहरा स्वर्ण पदक जीतने वाले भाला फेंक एथलीट देवेंद्र झझारिया को 2017 में इससे सम्मानित किया गया था. वह 49 साल की उम्र में इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाली सबसे उम्रदराज एथलीट भी बन गयीं.


दीपा ने कहा, "मैं बहुत खुश हूं. यह पूरी यात्रा लोगों के दिव्यांगों और दिव्यांग लोगों की छुपी काबिलियत के प्रति लोगों के रवैये को बदलने के बारे में रही है." उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि यह पुरस्कार महिला दिव्यांग खिलाड़ियों को काफी प्रेरित करेगा. स्वंतत्र भारत को पैरालंपिक में पदक जीतने में 70 साल लगे. "





19 खिलाड़ियों को मिला अर्जुन पुरस्कार


विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप के कांस्य पदकधारी बी साई प्रणीत, महिला क्रिकेटर पूनम यादव, एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता हेप्टाथलीट स्वप्ना बर्मन, फुटबालर गुरप्रीत सिंह संधू, दो बार की विश्व सिलवर मेडल विजेता मुक्केबाज सोनिया लाठेर, एशियाई खेलों के सिलवर मेडल विजेता घुड़सवार फवाद मिर्जा, मोटरस्पोर्ट्स के दिग्गज खिलाड़ी गौरव गिल और कबड्डी टीम के कप्तान अजय ठाकुर उन 19 खिलाड़ियों में शामिल थे जिन्होंने यहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अर्जुन पुरस्कार प्राप्त किया.


दीपा चौथी बार भाग्यशाली रही क्योंकि पिछले तीन साल उनके नाम की अनदेखी की गयी जिस पर उन्होंने सवाल उठाये और फैसले की आलोचना की. पूनिया के अलावा क्रिकेटर रविंद्र जडेजा, एशियाई खेलों के स्वर्ण पदकधारी गोला फेंक एथलीट तेजिंदर पाल सिंह तूर और 400 मीटर स्पर्धा के सिलवर मेडल मोहम्मद अनस और निशानेबाज अंजुम मोदगिल समारोह में अर्जुन पुरस्कार लेने नहीं आ सके.


जडेजा इस समय भारतीय टेस्ट टीम के साथ वेस्टइंडीज में हैं जबकि तूर और अनस इस समय लखनऊ में चल रही राष्ट्रीय अंतरराज्यीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं. राष्ट्रीय खेल पुरस्कार हर साल 29 अगस्त को हाकी के महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती पर दिये जाते हैं.


भारतीय राष्ट्रीय फुटबाल टीम के गोलकीपर गुरप्रीत ने कहा कि उनका अर्जुन पुरस्कार भविष्य की पीढ़ी को प्रेरित करेगा. उन्होंने कहा, "मैं इस पुरस्कार को सीनियर खिलाड़ियों को समर्पित करना चाहता हूं जिन्होंने मेरे लिये यह संभव कराया. यह पुरस्कार भारतीय फुटबाल की भविष्य की पीढ़ी के लिये है. मुझे उम्मीद है कि यह उन्हें प्रेरित करने के लिये उत्प्रेरक की तरह काम करेगा."


हेप्टाथलीट स्वप्ना बर्मन ने कहा कि अर्जुन पुरस्कार जीतना उनके लिये सपने के साकार होने जैसा है. उन्होंने कहा, "यह मेरे लिये सपने के सच होने जैसा है. मैं भारतीय एथलेटिक्स महासंघ को शुक्रिया करना चाहूंगी कि उन्होंने मेरे नाम की सिफारिश की. यह पुरस्कार मुझे भविष्य में बड़ी चीजें हासिल करने के लिये प्रेरित करेगा."


खेल रत्न में 7.5 लाख और अर्जुन पुरस्कार में 5 लाख दिए जाते हैं


खेल रत्न में 7.5 लाख रुपये की पुरस्कार राशि जबकि अर्जुन पुरस्कार प्राप्त करने वालों को प्रशस्ति पत्र के साथ पांच-पांच लाख रुपये दिये जाते हैं. खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कारों के अलावा राष्ट्रपति ने कोचों को द्रोणाचार्य और ध्यानचंद पुरस्कार, तेनजिंग नार्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार, मौलाना अबुल कलाम आजाद ट्राफी और राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार भी प्रदान किये.


खेल मंत्री कीरेन रीजीजू, मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल, खेल सचिव राधे श्याम जुलानिया, भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक संदीप प्रधान, भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा और महासचिव राजीव मेहता इस समारोह में उपस्थित थे.


पुरस्कार विजेताओं की सूची इस प्रकार है :


राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार:


दीपा मलिक (पैरा-एथलेटिक्स), बजरंग पूनिया (कुश्ती)


अर्जुन पुरस्कार:


रविंद्र जडेजा (क्रिकेट), मोहम्मद अनस याहिया (एथलेटिक्स), गुरप्रीत सिंह संधू (फुटबाल), सोनिया लाठेर (मुक्केबाजी), चिंगलेनसना सिंह कंगुजम (हाकी), एस भास्करन (बाडीबिल्डिंग), अजय ठाकुर (कबड्डी), अंजुम मौदगिल (निशानेबाजी), बी साई प्रणीत (बैडमिंटन), तेजिंदर पाल सिंह तूर (एथलेटिक्स), प्रमोद भगत (पैरा स्पोर्ट्स - बैडमिंटन), हरमीत राजुल देसाई (टेबल टेनिस), पूजा ढांडा (कुश्ती), फवाद मिर्जा (घुड़सवारी), सिमरन सिंह शेरगिल (पोलो), पूनम यादव (क्रिकेट), स्वप्ना बर्मन (एथलेटिक्स), सुंदर सिंह गुर्जर (पैरा स्पोर्ट्स - एथलेटिक्स) और गौरव सिंह गिल (मोटरस्पोर्ट्स) .


द्रोणाचार्य पुरस्कार (नियमित श्रेणी):


मोहिंदर सिंह ढिल्लों (एथलेटिक्स), संदीप गुप्ता (टेबल टेनिस) और विमल कुमार (बैडमिंटन).


द्रोणाचार्य पुरस्कार (आजीवन श्रेणी):


संजय भारद्वाज (क्रिकेट), रामबीर सिंह खोकर (कबड्डी) और मेजबान पटेल (हाकी).


ध्यानचंद पुरस्कार: मनोज कुमार (कुश्ती), सी लालरेमसंगा (तीरंदाजी), अरूप बसाक (टेबल टेनिस), निटेन कीर्ताने (टेनिस) और मैनुअल फ्रेड्रिक्स (हाकी).


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