DeepFake Row: ‘डीपफेक के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए होगी अधिकारी की नियुक्ति’, बोले राजीव चंद्रशेखर
Deepfake Case: सोशल मीडिया पर डीपफेक विवाद को लेकर केंद्र सरकार सख्त दिखाई दे रही है. इसको लेकर कड़े नियम बनाए जा रहे हैं और इस तरह का कंटेंट डालने वालों को आगाह भी किया गया है.
DeepFake Danger: सोशल मीडिया पर डीपफेक के डेंजर को भांपते हुए केंद्र सरकार अलर्ट मोड पर काम कर रही है. इस पर लगाम लगाने के लिए कड़े नियम बनाए जाएंगे और लगातार बैठकें की जा रही हैं. ताजा घटनाक्रम में केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि ऐसी सामग्री की जांच के लिए एक अधिकारी नियुक्त किया जाएगा.
सोशल मीडिया कंपनियों से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा, ''डीपफेक कंटेंट के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए अधिकारी नियुक्त किया जाएगा.'' इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के लिए एक सलाह जारी की थी, जिसमें ऐसे कानूनी प्रावधानों को रेखांकित किया गया था. इससे पहले चन्द्रशेखर ने कहा था कि गलत सूचना के प्रसार को रोकना ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का एक "कानूनी दायित्व" है.
क्या कहा गया बयान में?
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सोशल मीडिया मंचों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद चंद्रशेखर ने पत्रकारों से कहा, ‘‘आज से आईटी नियमों का उल्लंघन बिल्कुल बर्दाश्त नहीं (जीरो टॉलरेंस) किया जाएगा.’’ मंत्री ने कहा कि मध्यस्थ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और अगर वे ये जानकारी देते हैं कि सामग्री कहां से आई है तो सामग्री शेयर करने वाले पर एफआईआर दर्ज की जाएगी. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया मंचों को आईटी नियमों के मुताबिक बदलाव करने के लिए सात दिन का समय दिया गया है.
#WATCH | On Deep fake issue, MoS Electronics & Technology Rajeev Chandrasekhar says, "Today we had a very longish meeting with all of the important players on the Internet, the Internet intermediaries. And we have raised the issue of Deep Fakes with them... I reminded them that… pic.twitter.com/m8UHlVwXRI
— ANI (@ANI) November 24, 2023
बयान में कहा गया, "ऐसी किसी भी सामग्री की रिपोर्ट किए जाने पर उसे रिपोर्टिंग के 36 घंटों के भीतर ही हटा दिया जाए और आईटी नियम 2021 के तहत निर्धारित समय सीमा के भीतर शीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित की जाए." मंत्री ने कहा कि सरकार डिजिटल क्षेत्र में भारतीयों के लिए सुरक्षा और विश्वास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. साथ ही केंद्र ने कहा कि डीपफेक के निर्माण और प्रसार पर 1 लाख रुपये का जुर्माना और तीन साल की जेल की कड़ी सजा का प्रावधान है.
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