अमित शाह के खिलाफ टिप्पणी: कोर्ट ने मानहानि मामले में राहुल गांधी को फिर से भेजा समन
स्थानीय बीजेपी कारपोरेटर कृष्णवादन ब्रह्मभट्ट ने आरोप लगाया है कि राहुल ने 23 अप्रैल को जबलपुर में एक चुनावी रैली में आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं. राहुल की टिप्पणी के बाद, शाह ने उन पर पलटवार करते हुए कहा था कि वह इस मामले में बरी हो चुके हैं.
![अमित शाह के खिलाफ टिप्पणी: कोर्ट ने मानहानि मामले में राहुल गांधी को फिर से भेजा समन Defamation case Gujarat court issues fresh summons to Rahul Gandhi अमित शाह के खिलाफ टिप्पणी: कोर्ट ने मानहानि मामले में राहुल गांधी को फिर से भेजा समन](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2019/07/09163821/rahul-gandhi-sad.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
अहमदाबाद: अहमदाबाद की एक कोर्ट ने मंगलवार को कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को नया समन जारी करके उन्हें एक स्थानीय बीजेपी नेता द्वारा उनके खिलाफ दायर मानहानि मामले में नौ अगस्त को पेश होने का निर्देश दिया. राहुल पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को 'हत्या का आरोपी' कहा था. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट डी एस डाभी ने फिर से समन जारी किया. इससे पहले एक मई को जारी समन वापस आ गया था. यह समन लोकसभा अध्यक्ष के जरिये भेजा गया था क्योंकि राहुल संसद सदस्य हैं. शिकायतकर्ता के वकील प्रकाश पटेल ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ने समन यह कहते हुए वापस भेज दिया कि उनका इस मामले से कोई संबंध नहीं है.
राहुल से नौ अगस्त को पेश होने के लिए कहने वाले नये समन को सीधे कांग्रेसी नेता के नई दिल्ली स्थित आवास पर भेजा जाएगा. इससे पहले अदालत ने कहा था कि राहुल के खिलाफ पहली नजर में भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत आपराधिक मानहानि का मामला बनता है. स्थानीय बीजेपी कारपोरेटर कृष्णवादन ब्रह्मभट्ट ने आरोप लगाया है कि राहुल ने 23 अप्रैल को जबलपुर में एक चुनावी रैली में आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं.
ब्रह्मभट्ट ने कहा कि राहुल की टिप्पणी मानहानिपूर्ण है क्योंकि शाह को सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले में 2015 में सीबीआई अदालत बरी कर चुकी है. उन्होंने कहा कि न तो हाईकोर्ट और ना ही सुप्रीम कोर्ट ने शाह को बरी किये जाने को चुनौती वाली याचिका स्वीकार की थी.
शिकायतकर्ता ने कहा कि शाह को बरी करने वाले सीबीआई अदालत के दो जनवरी 2015 के आदेश ने बहुत चर्चा बटोरी थी और इसके बारे में कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दलों को पूरी जानकारी है. एक रैली में राहुल की टिप्पणी के बाद, शाह ने उन पर पलटवार करते हुए कहा था कि वह इस मामले में बरी हो चुके हैं. उन्होंने राहुल की कानूनी समझ पर सवाल खड़े किये थे. साल 2015 में, एक विशेष अदालत ने सोहराबुद्दीन शेख और तुलसीराम प्रजापति मुठभेड़ मामलों में शाह को आरोप मुक्त करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है और उन्हें राजनीतिक कारणों से फंसाया गया है.
कांग्रेस में नहीं थम रहा इस्तीफे का दौर, पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्रा ने पद छोड़ा
यह भी देखें
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शंभू भद्र](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/fdff660856ace7ff9607d036f59e82bb.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)