हैदराबाद: तेलंगाना में कांग्रेस के 18 में से दो-तिहाई विधायक सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) में शामिल हो गए. इसके बाद राज्य में मुश्किल स्थिति का सामना कर रही कांग्रेस आज हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी. कांग्रेस अपने 12 विधायकों के समूह के टीआरएस में विलय को सही ठहराने के विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ कांग्रेस प्रदर्शन भी कर रही है.


11 जून को सुनवाई के लिए रखी जाएगी हमारी पिछली याचिका - प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष


प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि पार्टी अपने विधायकों के विलय के खिलाफ तेलंगाना हाईकोर्ट में सोमवार को याचिका दायर करेगी. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट में (विधायकों के दलबदल के संबंध में) एक याचिका पहले से विचाराधीन है और सोमवार को हम एक अन्य याचिका दायर करेंगे और 11 जून को हमारी पिछली याचिका सुनवाई के लिए रखी जाएगी.


कांग्रेस विधायक दल के नेता का 36 घंटे का अनशन शुरू


तेलंगाना में कांग्रेस विधायक दल के नेता एम. भट्टी विक्रमार्क ने इस विलय के विरोध में शनिवार से 36 घंटे का अनशन शुरू किया है. उनका अनशन अब भी जारी है. गौरतलब है कि एक नाटकीय घटनाक्रम के तहत,तेलंगाना विधानसभा अध्यक्ष पी श्रीनिवास रेड्डी ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस के 12 विधायकों को टीआरएस के सदस्य के रूप में मान्यता दे दी थी.


लोकसभा चुनाव में टीआरएस ने 17 में से 9 सीटें जीती


बता दें कि टीआरएस प्रमुख के  चंद्रशेखर राव तेलंगाना में पिछले पांच सालों से मुख्यमंत्री हैं और उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ी है. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी टीआरएस ने 17 में से 9 सीटें जीती. वहीं कांग्रेस एक, बीजेपी चार और एआईएमआईएम एक सीट जीतने में कामयाब रही. सूबे में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के सात विधायक हैं. एआईएमआईएम टीआरएस के साथ मिलकर चुनाव लड़ती रही है.


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