सेना को मिलेंगी मिसाइलें और एयर डिफेंस वैपन, रक्षा मंत्रालय ने 4,276 करोड़ की खरीद को दी मंजूरी
Defence News: भारत और चीन के बीच 2020 से सीमा गतिरोध चल रहा है. इसी को देखते हुए सेना तेजी से चीन के साथ लगती सीमा पर अपनी क्षमता को एडवांस कर रही है.
DAC Meeting News: चीनी सीमा पर जारी गतिरोध के बीच रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की बैठक में मंगलवार (10 जनवरी) को मिसाइलों, वायु रक्षा हथियारों की खरीद को मंजूरी दी गई है. अधिकारियों ने कहा कि स्वदेशी हेलीकॉप्टर-लॉन्च एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल, वायु रक्षा हथियार खरीदने और अपने युद्धपोतों को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों से लैस करने के लिए 4,276 रुपये करोड़ के सेना और नौसेना के कुल 3 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DAC की अध्यक्षता की. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, उत्तरी सीमाओं (एलएसी) के साथ हाल के घटनाक्रमों को देखते हुए प्रभावी वायु रक्षा (एडी) हथियार प्रणालियों पर ध्यान देने की आवश्यकता है जो मानव पोर्टेबल हैं. साथ ही ऊबड़-खाबड़ इलाकों व समुद्री क्षेत्र में जल्दी तैनात किए जा सकते हैं.
क्या कहा अधिकारियों ने?
अधिकारियों ने कहा कि एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल, हेलिना को एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) के साथ एकीकृत किया जाएगा और यह सात किमी दूर तक लक्ष्य को भेद सकती है. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि डीएसी, जो भारत की शीर्ष खरीद संस्था है, ने फायर एंड फॉरगेट हेलिना मिसाइल, लॉन्चर और संबंधित सहायक उपकरण के लिए आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) को स्वीकार किया.
एक बयान में कहा गया कि ये मिसाइल दुश्मन का मुकाबला करने के लिए ALH के शस्त्रीकरण का एक अनिवार्य हिस्सा है. इसे शामिल करने से भारतीय सेना की आक्रामक क्षमता मजबूत होगी. भारत के रक्षा खरीद नियमों के तहत, परिषद की ओर से एओएन (Acceptance of Necessity) सैन्य हार्डवेयर खरीदने की दिशा में पहला कदम है.
रक्षा निर्माण क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने जिन हथियारों के आयात पर प्रतिबंध लगाया है, उनकी लंबी सूची में हेलीकॉप्टर लॉन्च एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल भी है. भारत ने पिछले दो वर्षों के दौरान 411 विभिन्न हथियारों और प्रणालियों पर चरणबद्ध आयात प्रतिबंध लगाया है. इनके अगले पांच से छह वर्षों में चरणों में स्वदेशी होने की उम्मीद है.
इन मिसाइलों, हथियारों के लिए मिली मंजूरी
हेलिना मिसाइलों, बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली (वीएसएचओआरएडीएस) और ब्रह्मोस लांचर और अग्नि नियंत्रण प्रणाली (एफसीएस) को डीएसी की मंजूरी रक्षा खरीद नीति के तहत स्वदेशीकरण के लिए अधिग्रहण की सबसे महत्वपूर्ण श्रेणी के तहत है.
चीनी सीमा पर जारी है गतिरोध
गौरतलब है कि, भारत और चीन के बीच मई 2020 से सीमा गतिरोध चल रहा है. बीते दिसंबर के महीने में भी अरुणाचल प्रदेश के तवांग (Tawang) में भारत और चीन के सैनिकों में झड़प हुई थी. ऐसे में सेना तेजी से चीन के साथ सीमा पर अपनी क्षमता को एडवांस कर रही है, जिसमें आर्टिलरी गन, स्वार्म ड्रोन सिस्टम सहित विभिन्न प्रकार के हथियार, लंबी दूरी के रॉकेट, दूर से संचालित हवाई प्रणाली और उच्च-गतिशीलता संरक्षित वाहन शामिल हैं.
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