Def Expo 2022: डिफेंस एक्सपो में दिखी स्वदेशी एम-4 कॉम्बेट व्हीकल, पूर्वी लद्दाख में की गई है तैनाती
Defence Expo: जिप्सी और बीएमपी के बजाए सेना ने एम-4 और टाटा की नई आईसीवी खरीदी है. इस एम-4 में 9-10 सैनिक आराम से अपने हथियारों के साथ बैठ सकते हैं.
Def Expo: गुजरात की राजधानी गांधीनगर में चल रहे डिफेंस एक्सपो- 2022 में जो सबसे ज्यादा दिखाई पड़ती हैं वो हैं कॉम्बेट व्हीकल. चीन से सटी एलएसी (LAC) पर सैनिकों के फास्ट मूवमेंट के लिए ये इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल प्रदर्शनी में लाई गई. ऐसी ही एक स्वदेशी कॉम्बेट व्हीकल है, जिसे कि एम-4 जिसे हाल ही में भारतीय सेना ने स्वदेशी कंपनी से खरीदकर पूर्वी लद्दाख में तैनात किया है.
हाल ही में भारतीय सेना की उत्तरी कमान ने फास्ट-ट्रेक प्रक्रिया के जरिए स्वदेशी प्राईवेट एम-4 इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल (ICV) खरीदी है. एलएसी पर चीन के साथ हुए टकराव के दौरान भारतीय सेना को लद्दाख के हाई ऑल्टिट्यूड यानी उंचाई वाले इलाकों में मूवमेंट में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. चीन की पीएलए सेना अपने हमवी व्हीकल्स में बहुत तेजी से मूवमेंट करती है, जबकि भारतीय सैनिक अपनी जिप्सी या फिर बीएमपी व्हीकल में करते थे, लेकिन इनमें हाई आल्टिट्यूड एरिया में मूवमेंट करने में थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता था. ऐसे में भारतीय सेना ने स्वदेशी कंपनियों से हमवी स्टाइल की आईसीवी बनाने पर जोर दिया.
आईसीवी क्यों खरीदा?
यही वजह है कि जिप्सी और बीएमपी के बजाए सेना ने कल्याणी ग्रुप से एम-4 और टाटा की नई आईसीवी खरीदी है. इस एम-4 में 9-10 सैनिक आराम से अपने हथियारों के साथ बैठ सकते हैं. बैठने के साथ साथ इसमें अपनी गन के साथ पोजिनशन भी ले सकते हैं. इसके अलावा इस कॉम्बेट व्हीकल में एटीजीएम यानी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल भी लग सकती है ताकि दुश्मन के टैंकों को नेस्तानबूत किया जा सके. इस कॉम्बेट व्हीकल के टायर देखकर आप दंग रह जाएंगे. इसके टायर ट्रक से भी बड़े और दमदार हैं ताकि उंचाई और उबड़-खाबड़ इलाकों में चलने में कोई दिक्कत ना आए.
एम-4 व्हीकल को किसने किया तैयार?
एम-4 व्हीकल को कल्याणी ग्रुप ने तैयार किया है. कई दशकों से कल्याणी ग्रुप रक्षा-क्षेत्र में है, लेकिन हाल के सालों में प्राईवेट इंडस्ट्री को सेना के लिए हथियार बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इसी का नतीजा है कि कल्याणी ग्रुप ने एम-4 बनाने के साथ साथ डीआरडीओ की तैयार की हुई अटैग्स यानी एंडवास टोड आर्टलरी गन सिस्टम का मास-प्रोडक्शन कर रही है. इस तोप को सेना के लिए कल्याणी ग्रुप और टाटा ग्रुप दोनों ही तैयार कर रही है. इसी अटैग्स गन से पहली बार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से तोप की सलामी दी गई थी.
हथियार सप्लाई करने की तैयारी
कल्याणी ग्रुप के संस्थापक और चैयरमैन बाबा कल्याणी ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में बताया कि उनकी कंपनी आर्मर्ड व्हीकल और तोप बनाने पर खासा जोर दे रही है. इसके अलावा स्मॉल-आर्म्स यानी गन और ड्रोन बनाने में उनका ग्रुप और उसकी सबसेडरी कंपनी, भारत-फोर्ज जुटा हुआ है. बाबा कल्याणी के मुताबिक अपने देश के सैनिकों को स्वदेशी हथियारों से लैस करने के साथ साथ अब वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक फॉर वर्ल्ड के आहवान पर दुनिया को भी हथियार सप्लाई करने की तैयारी कर रहे हैं.
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