Indian Army Gets New surveillance Device: एलएसी (LAC) पर चीन (China) से चल रहे विवाद के बीच भारतीय सेना (Indian Army) के हेलीकॉप्टर्स को एक ऐसा खास डिवाइस मिला है जो सीमा पर निगरानी के दौरान दुश्मन के बंकर और तोपखाने की लोकेशन से लेकर सैनिकों की मूवमेंट की भी सटीक जानकारी मुहैया करा सकता है. इस छोटे से 'डाउनलिंक इक्विपमेंट' को एक स्वदेशी कंपनी ने तैयार किया है. मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath singh) ने इस डाउनलिंक इक्विपमेंट को भारतीय सेना को सौंप दिया.


दरअसल, चीन से चल रहे विवाद के दौरान भारतीय सेना को पूर्वी लद्दाख से सटी लाइन ऑफ कंट्रोल (एलएसी) पर किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तुरंत तैयार रहने की जरुरत थी. ऐसे में एलएसी और खास तौर से पूर्वी लद्दाख से सटे इलाकों में चीन की हर हरकत पर पैनी निगाह रखना जरूरी था. इसमें चीन के बंकर, कैंप, गन और मोर्टार लोकेशन की निगरानी बेहद जरूरी थी. इसके अलावा चीनी सैनिकों और उनके मिलिट्री व्हीकल्स की निगहबानी भी करनी थी.


क्यों इस डिवाइस को थी सेना को जरूरत?
जानकारी के मुताबिक, भारतीय सेना की एविएशन कोर के पास ऐसे स्वदेशी हेलीकॉप्टर तो थे जिनमें इलेक्ट्रो ऑप्टिक पॉड तो लगे थे जिनसे रिकॉनेसेंस एंड सर्विलांस रखी जा सकती थी. लेकिन किसी ऑपरेशन के लिए दुश्मन की लोकेशन का सही सही पता लगाकर रणनीति तैयार करना और ऑपरेशन के बाद दुश्मन को हुए नुकसान की सही सही जानकारी के लिए एक रिकॉर्डर की सख्त जरूरत थी.


इलाके की निगरानी और रिकॉर्डिंग एक साथ संभव
ऐसे में भारत की ही कंपनी, एक्सीकॉम प्राईवेट लिमिटेड ने भारतीय सेना के एएलएच-मार्क 3 'ध्रुव' और एएलएच-डब्लू एसआई ('रुद्र') हेलीकॉप्टर्स के लिए 'डाउनलिंक इक्विपमेंट विद रिकॉर्डिंग फैसेलिटी' तैयार किया. एबीपी न्यूज के पास इस 'डाउनलिंक इक्विपमेंट विद रिकॉर्डिंग फैसेलिटी' का टेस्ट वीडियो भी है जिसमें इससे एक हेलीकॉप्टर से इलाके की निगरानी और रिकॉर्डिंग साथ-साथ हो रही है.


सीमा पर साबित होगा मददगार
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यह डाउनलिंक उपकरण हेलीकॉप्टरों को सीमाओं और परिचालन क्षेत्रों की निरंतर टोह और निगरानी करने में मदद करता है. मिशन पर रहते हुए, निगरानी वाला डेटा सिस्टम में दर्ज हो जाता है और केवल तभी एक्सेस किया जा सकता है जब हेलीकॉप्टर बेस पर लौटता है. एक्सीकॉम प्राइवेट लिमिटेड द्वारा स्वदेशी रूप से उत्पादित इस उपकरण को उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर पर लगाया जाता है.


आपको बता दें कि बालाकोट एयर स्ट्राइक के दौरान आतंकी कैंप में हुए नुकसान के सबूत मांगे गए थे. ऐसे में अगर निकट भविष्य में भारतीय सेना के अटैक हेलीकॉप्टर (रूद्र) पाकिस्तान से सटी एलओसी पर किसी टेरेरिस्ट लॉन्च पैड या आतंकी ठिकाने को तबाह करते हैं तो उसके सबूत भी इस डाउनलिंक इक्विपमेंट से आसानी से मिल सकेंगे.


मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे (Manoj Pandey) को एक खास कार्यक्रम में स्वदेशी सैन्य उपकरण सौंपे थे. उन उपकरणों में ये डाउनलिंक इक्विपमेंट भी शामिल था.


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