Defence Minister on Wepons Exports: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बार फिर दोहराया है कि निकट भविष्य में भारत हथियार निर्यात करने वाले देशों में अग्रणी स्थान पर होगा. उन्होनें कहा एक समय दुनिया का सबसे ज्यादा हथियार आयात करने वाला भारत आज निर्यात करने में 25वें स्थान पर आ गया है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एनसीसी के एक कार्यक्रम में कहा कि एक वक्त ऐसा था जब अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत की बात को कोई नहीं सुनता था. लेकिन आज पूरी दुनिया में भारत की धमक है. फिर चाहे वो आईटी सेक्टर हो या साइंस या फिर डिफेंस. उन्होनें कहा कि अब भारत में ही हथियार बनेंगे और अगर विदेशी कंपनियां भी चाहे तो यहां आकर हथियार बना सकती हैं.
शुक्रवार को एनसीसी ने 'आजादी की विजय श्रृंखला और महा-संस्कृति का संगम' नाम के कार्यक्रम का आयोजन किया था. इस दौरान रक्षा मंत्री ने एनसीसी कैडेट्स को संबोधित करते हुए कहा कि देश के युवाओं को भारत को फिर से विश्वगुरू बनाने की क्षमता पैदा करनी होगी. उन्होनें कहा कि भारत की संस्कृति श्रेष्ठत्म है. भारतवर्ष दुनिया का अकेला देश है जिसने अपनी सीमा में रहने वाले लोगों को ही परिवार नहीं माना, पूरी दुनिया को माना. प्राचीन काल से भारत का मूलमंत्र ही 'वसुधैव कुटुंबकम' रहा है.
कार्यक्रम में देरी से आने के लिए मांगी माफी
कार्यक्रम में एक घंटा देरी आने से रक्षा मंत्री ने कैडेट्स से खेद जताया. उन्होनें बताया कि भारत के दौरे पर आई फ्रांस की रक्षा मंत्री के साथ बैठक लंबी खीचने के चलते उन्हें आने में देरी हुई. उन्होनें साफ तौर से कहा कि जो इंसान समय का पाबंद नहीं होता उसमें अनुशासन नहीं आ सकता.
राजनाथ सिंह ने कहा कि एनसीसी ने हमें अनेक ऐसी महान विभूतियां दी हैं, जिन्होंने देश का नाम पूरी दुनिया में ऊंचा किया है. नेताजी सुभाष चंद्र बोस से लेकर हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज जी और पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर जी तक एनसीसी में रहे हैं. उन्होनें कहा कि वे खुद एनसीसी के बी सर्टिफिकेट कैडेट रह चुके हैं.
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