Defence Minister Rajnath Singh: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 1971 के युद्ध के दिग्गजों के सम्मान समारोह में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने भारत और चीन के बीच हुई युद्धा का जिक्र किया और कहा कि, चाहे दुनिया की कितनी भी बड़ी ताकत हो वो भारत माता का शीश नहीं झुका सकती है. 


देश को सुरक्षित रखने का काम कर रहे सैनिक
रक्षामंत्री ने कहा कि, "इस बार इंडो-चाइना के टकराव के समय मैंने अपने सेना के शौर्य और पराक्रम को देखा और मेरा भरोसा पक्का हो गया कि दुनिया की कितनी बड़ी ताकत हो वो भारत माता की शीश को नहीं झुका सकती है." उन्होंने आगे कहा कि, इस देश को सुरक्षित रखने का कार्य अगर हमारे सीमा के सैनिक कर रहे हैं तो इसकी एकता, अखंडता और भाईचारे को बरकरार रखना हमारी जिम्मेदारी है. हमारे देश में हमेशा अमन-चैन बना रहे, आपसी सौहार्द बना रहे और हम लगातार विकास के पथ पर बढ़ते रहें. 


विपक्षी दलों पर भी साधा निशाना
विपक्षी दलों को निशाने पर लेते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि, "लोकतंत्र में विरोधी दल भी होते हैं. मैं विरोधी दलों पर आरोप लगाना नहीं चाहता लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं, जो कभी कुछ ऐसी बात बोल देते हैं जिससे लगता है कि हमारे सेना के शौर्य और पराक्रम को छोटा करके देखा जा रहा है तब मुझे ठेस पहुंचती है. भारत की संस्कृति इस देश में रहने वाले सभी मजहब के मानने वालों को एक साथ लेकर चलने में विश्वास रखती है. सेना की वर्दी इसी एकजुटता का प्रतीक है, क्योंकि भारतीय सेना की वर्दी पहन लेने के बाद उसका सिर्फ़ सैनिक धर्म होता है." 


AFSPA हटाने की तैयारी
इस कार्यक्रम के दौरान राजनाथ सिंह ने AFSPA का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि, कुछ लोग यह मानते हैं कि AFSPA हटे, यह भारतीय सेना नहीं चाहती है. मैं आज इस मंच से कहना चाहता हूं कि भारतीय सेना की इंटरनल सिक्योरिटी के मामले में न्यूनतम भूमिका होती है. सेना तो यही चाहती है कि जल्द ही जम्मू और कश्मीर में हालात पूरी तरह से सामान्य हो और वहां से भी AFSPA हट सके. अभी हाल में ही, असम के 23 जिलों से AFSPA पूरी तरह हटाया गया, मणिपुर और नागालैंड के 15-15 पुलिस थानों से AFSPA हटाया गया. यह अपने आप में बहुत मायने रखता है. यह इस इलाके में आई ड्यूरेबल प्लेस और स्टेबिलिटी का नतीजा है. 


राजनाथ सिंह ने कहा कि, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बहुत बड़ा काम किया गया है. जहां उग्रवाद और आतंकवाद से प्रभावित क्षेत्रों में शांति स्थापित हुई है, वहीं सीमाओं पर भारतीय सेना और अन्य सुरक्षा बलों ने जो चाक चौबंद व्यवस्था की है. आतंकवाद के खिलाफ हमने जरूरत पड़ने पर सीमा पार जाके कारवाई की है.


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