रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्वीडन की कंपनियों को किया भारतीय डिफेंस इंडस्ट्री में निवेश के लिए आमंत्रित
मंगलवार को सोसायटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (एसआईडीएम) ने भारत और स्वीडन के बीच डिफेंस इंडस्ट्री कॉर्पोरेशन पर वेबिनार का आयोजन किया था. इस वेबिनार में खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि थे.
नई दिल्ली: बोफोर्स घोटाले के काले अध्याय को पीछे छोड़ भारत अब स्वीडन के साथ फिर से रक्षा क्षेत्र में मजबूत सहयोग करने के लिए तैयार है. खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्वीडन की कंपनियों को भारत के डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया है.
दरअसल, मंगलवार को सोसायटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (एसआईडीएम) ने भारत और स्वीडन के बीच डिफेंस इंडस्ट्री कॉर्पोरेशन पर वेबिनार का आयोजन किया था. इस वेबिनार में खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि थे और स्वीडन के रक्षा मंत्री पीटर हल्टक्विस्ट गेस्ट ऑफ ऑनर थे. इसके अलावा दोनों देशों के राजदूत सहित भारत और स्वीडन की डिफेंस कंपनियों के बड़े अधिकारी भी मौजूद थे.
वेबिनार को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'मैं इस अवसर पर स्वीडिश फर्म्स को उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु के डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर्स में निवेश करने के लिए आमंत्रित करता हूं. इन रक्षा गलियारों में राज्य सरकारों के जरिए किए जा रहे विशेष प्रोत्साहन और भारत में मौजूद अत्यधिक स्किल्ड-वर्कफोर्स की उपलब्धता का फायदा उठा सकते हैं.'
निर्यात के लिए भी तैयार
इस मौके पर रक्षा मंत्री ने इसी साल मार्च के महीने में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच हुई वर्चुअल कॉन्क्लेव का भी जिक्र किया. उन्होनें कहा कि पीएम मोदी के आत्मनिर्भर और मेक इन इंडिया प्लान के तहत भारत ना केवल बड़ी तादाद में हथियारों और दूसरे सैन्य साजो सामान का निर्माण खुद करता है बल्कि निर्यात करने के लिए भी तैयार है.
आपको बता दें कि 80 के दशक के आखिरी वर्षों में स्वीडन से खरीदी गई बोफोर्स तोप के सौदे में हुए घोटाले से भारत के तोपखाने पर तो लंबे समय तक असर पड़ा ही था, साथ ही इसका असर स्वीडन के साथ रक्षा सहयोग पर भी कहीं ना कहीं दिखाई पड़ा. लेकिन अब भारत एक बार फिर से स्वीडन के साथ हथियारों के निर्माण में सहयोग लेना चाहता है.
जेट बनाने का ऑफर
स्वीडन भी इसके लिए तैयार है. स्वीडन की लड़ाकू विमान बनाने वाली कंपनी, साब ने भारत में ही मेक इन इंडिया के तहत ग्रिपन फाइटर जेट बनाने का ऑफर दिया है. इसी साल फरवरी में बेंगलुरु में हुए एयर इंडिया शो में स्वीडन के वायुसेना प्रमुख ने चीफ ऑफ एयर स्टाफ कॉन्क्लेव में भी हिस्सा लिया था. खुद भारतीय वायुसेना के प्रमुख ने वर्ष 2019 में स्वीडन का दौरा किया था.
वेबिनार में बोलते हुए स्वीडन के रक्षा मंत्री पीटर ने कहा कि कोरोना महामारी के समय में उनका देश भारत के लिए हर संभव मदद की कोशिशें कर रहा है. इस मुश्किल घड़ी में स्वीडन आर्थिक मदद के साथ-साथ भारत के लिए कोरोना वैक्सीन भी सप्लाई कर रहा है.
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