केवड़िया: शुक्रवार को गुजरात के केवड़िया में कम्बाइंड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर हुए टकराव के दौरान चीन की पीएलए सेना के खिलाफ भारतीय सैनिकों के अदम्य साहस की प्रशंसा की. रक्षा मंत्री ने कहा कि एलएसी पर गतिरोध के दौरान भारतीय‌ सैनिकों ने जिस तरह पीएलए के खिलाफ 'निस्वार्थ साहस' का प्रदर्शन किया, वो प्रशंसा के साथ साथ सम्मान के काबिल है.


रक्षा मंत्री ने देश की रक्षा-सुरक्षा पर बोलते हुए टॉप मिलिट्री कमांडर्स की मौजूदगी में देश के सामने सैन्य-खतरे, उनसे निपटने में सश‌स्त्र सेनाओं की भूमिका और वॉरफेयर के बदलते स्वरूप पर सभी का ध्यान आकर्षित‌ किया.


रक्षा मंत्री ने सैन्य कमांडर्स को संबोधित करने के अलावा दो 'विवेचना' सत्रों में भी हिस्सा लिया. इन विवेचना सत्रों में सेनाओं (थलसेना, वायु‌सेना और नौसेना) के आधुनिकिकरण, थियेटर कमांड और नई सैन्य-तकनीक पर चर्चा हुई. इसके अलावा सैनिकों के उत्साह और हौसले पर भी एक सेशन (सत्र) हुआ. साथ ही रक्षा मंत्री ने इस दौरान युवा सैन्य अफसरों और सैनिकों द्वारा नई सैन्य तकनीक और प्रणाली ईजाद करने पर भी चर्चा की. इस दौरान कुछ ऑपरेशनल चर्चाएं बंद कमरे में हुई, जिसे क्लासीफाइड रखा गया है.


शुक्रवार को रक्षा मंत्रालय के सचिवों और डिफेंस फाइनेंसियल एडवायजर ने भी तीन दिवसीय (4-6 मार्च) कम्बाइंड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. इससे पहले रक्षा मंत्री हेलीकॉप्टर से केवड़िया पहुंचे और आने के बाद उन्होनें केवड़िया में बनाए गए नए हैलीपैड का निरीक्षण किया. इ‌सके बाद सबसे पहले वे सभी मिलिट्री कमांडर्स और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ स्टेच्यू ऑफ यूनिटी पहुंचे‌ और सरदार पटेल के प्रति अपना सम्मान व्यक्त किया. कुछ देर वहां रूकने के बाद वे सीधे सम्मेलन में पहुंचे. सम्मेलन में पहुंचने के बाद सेना के तीनों अंगों (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) के साथ साथ डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री एफेयर्स (डीएमए) की तरफ से सशस्त्र सेनाओं की ऑपरेशनल तैयारियों, आधुनिकिकरण और चुनौतियों को लेकर एक प्रेजेंटेशन दिया गया.


शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी केवड़िया पहुंचेंगे और टॉप मिलिट्री कमांडर्स को संबोधित करेंगे. पीएम मोदी सैन्य सम्मेलन में देश की रणनीति पर तो बात करेंगे ही साथ ही रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने पर भी जोर देंगे.