राजनाथ सिंह बोले- स्वाभिमान से समझौता नहीं कर सकते, जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपने दो दिवसीय दौरे पर लद्दाख पहुंच चुके हैं. रक्षा मंत्री LAC के साथ-साथ LoC भी जाएंगे. इस दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और थलसेना प्रमुख, जनरल एम एम नरवणे भी साथ होंगे.

एबीपी न्यूज़ Last Updated: 17 Jul 2020 01:10 PM



रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज सुबह लद्दाख़ पहुच कर सीमावर्ती इलाक़ों का दौरा किया और लुकुंग चौकी पर जाकर भारतीय सेना के जाबाज़ जवानों एवं अधिकारियों के प्रदर्शन देखा. उनसे बातचीत करने का अवसर भी मिला.

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख का अचानक दौरा कर चीन के साथ सीमा विवाद से निपटने में भारत की दृढ़ता का संकेत दिया था. मोदी ने उन जवानों से बातचीत की थी जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. उन्होंने जवानों से कहा कि उनकी बहादुरी आगामी समय में प्रेरणा स्रोत बनेगी.

राजनाथ सिंह अपने इस दौरे में सैन्य अधिकारियों के साथ एलएसी की स्थितियों पर चर्चा करेंगे. इसके अलावा वह अस्पताल में भर्ती उन जवानों से भी मुलाकात कर सकते हैं, जो कि गलवान घाटी में हुई झड़प में घायल हुए थे. राजनाथ सिंह यहां पर सुरक्षा एजेंसियों और सैन्य अधिकारियों के साथ एक बैठक में भी हिस्सा लेंगे.
रक्षा मंत्री पहले 3 जुलाई को लेह-लद्दाख के दौरे पर आने वाले थे,लेकिन ऐन मौके पर उनका दौरा रद्द हो गया था. उनकी जगह पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 जुलाई को एक दिवसीय मौके पर लेह-लद्दाख पहुंचे थे.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे की मौजूदगी में स्टाकना(लेह) में भारतीय सेना के जवान अभ्यास कर रहे हैं.

बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के बाद अब रक्षामंत्री के लेह दौरे को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. शनिवार को रक्षा मंत्री श्रीनगर का दौरा करेंगे और काउंटर-टेरेरिज्म ऑपरेशन्स के साथ साथ पाकिस्तान से सटी एलओसी की सुरक्षा की समीक्षा करेंगे.
गलवान की घटना के बाद राजनाथ पहली बार लद्दाख का दौरा कर रहे हैं. 15 जून को गलवान घाटी में चीन से झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे. रक्षा मंत्री चीन से सटी एलएसी और पाकिस्तान से सटी एलओसी, दोनों के हालत का जायजा लेंगे.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लेह में स्तांका फॉरवर्ड लोकेशन पर जवानों से बात कर रहे हैं. उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी हैं.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सामने संयुक्त आभ्यास में सेना अपना दम दिखा रही है. पेंगांग झील के पास कमांडोज प्रदर्शन कर रहे हैं. सेना के टैंक और अपॉचे हेलिकॉप्टर भी प्रदर्शन में शामिल हैं.

बैकग्राउंड

नई दिल्ली: सीमा पर चीन से चल रही डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज दो दिवसीय दौर पर लद्दाख पहुंचे. इस दौरान रक्षा मंत्री चीन से सटी एलएसी और पाकिस्तान से सटी एलओसी, दोनों के हालत का जायजा लेंगे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और थलसेना प्रमुख, जनरल एम एम नरवणे भी मौजूद रहेंगे.


 


 राजनाथ सिंह ने ट्वीट के जरिए दी जानकारी


 


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट के जरिए जानकारी देते हुए कहा, ''मैं दो दिवसीय लद्दाख और जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर लेह के लिए रवाना हो चुका हूं. मैं सीमाओं पर स्थिति की समीक्षा करने और क्षेत्र में तैनात सशस्त्र बल के जवानों के साथ बातचीत करने के लिए आगे के क्षेत्रों का दौरा करूंगा.''








फॉरवर्ड पोस्ट का दौरा कर सैनिकों से मिलेंगे रक्षा मंत्री


 


लेह पहुंचकर वे लेह स्थित 14 कोर के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह से मुलाकात करेंगे और चीन से चल रही डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया के बारे में जानकारी लेंगे. कोर कमांडर उन्हें चीन से सटी लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल यानि एलएसी पर भारतीय सेना की तैयारियों की जानकारी भी देंगे. अपने दो दिन के दौरे पर रक्षा मंत्री फॉरवर्ड पोस्ट का दौरा कर सैनिकों से मिलकर उनकी हौसला अफजाई भी करेंगे.


 


अगले दिन यानि शनिवार को रक्षा मंत्री श्रीनगर का दौरा करेंगे और काउंटर-टेरेरिज्म ऑपरेशन्स के साथ साथ पाकिस्तान से सटी एलओसी की सुरक्षा की समीक्षा करेंगे.


 


आपको बता दें कि रक्षा मंत्री पहले 3 जुलाई को लेह-लद्दाख के दौरे पर आने वाले थे,लेकिन ऐन मौके पर उनका दौरआ रद्द हो गया था. उनकी जगह पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 जुलाई को एक दिवसीय मौके पर लेह-लद्दाख पहुंचे थे.


 


पीएम मोदी ने अचानक किया था लद्दाख का दौरा


 


प्रधानमंत्री मोदी ने लद्दाख का अचानक दौरा कर चीन के साथ सीमा विवाद से निपटने में भारत की दृढ़ता का संकेत दिया था. मोदी ने उन जवानों से बातचीत की थी जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. उन्होंने जवानों से कहा कि उनकी बहादुरी आगामी समय में प्रेरणा स्रोत बनेगी.


 


15 जून की रात हुई थी हिंसक झड़प


 


आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गलवान घाटी में 15 जून की रात को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इसमें एक कर्नल समेत भारत के 20 जवान शहीद हुए थे. इसके साथ ही खबर आई थी कि इस झड़प में चीन के भी करीब 40 जवान हताहत हुए थे. हालांकि, चीन ने अपने सैनिकों के मारे जाने की खबर से इनकार कर रहा था. वहीं, भारत ने बिना किसी हिचकिचाहट के अपने सैनिकों की शहादत की खबर को स्वीकार किया था.


 


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