राजनाथ सिंह का एलानः रक्षा मंत्रालय के 101 आइटम के आयात पर होगी रोक, स्वदेशी इंडस्ट्री को मिलेगा बढ़ावा
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ी घोषणा की है जिसका आत्मनिर्भर भारत के अभियान को बड़ा फायदा मिलेगा.
![राजनाथ सिंह का एलानः रक्षा मंत्रालय के 101 आइटम के आयात पर होगी रोक, स्वदेशी इंडस्ट्री को मिलेगा बढ़ावा Defence Ministry prepared list of 101 items for which there would be an embargo on import राजनाथ सिंह का एलानः रक्षा मंत्रालय के 101 आइटम के आयात पर होगी रोक, स्वदेशी इंडस्ट्री को मिलेगा बढ़ावा](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/08/09152855/rajnath-1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ी घोषणा की है. आत्मनिर्भर भारत के तहत सरकार ने 101 से ज्यादा आइटमों पर आयात एम्बार्गो लगाने का ऐलान किया है. रक्षा मंत्रालय ने 101 आइटमों की एक लिस्ट तैयार की है जिनके आयात पर प्रतिबंध (एम्बार्गो) होगा. यह रक्षा में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है. लद्दाख में चीन के साथ सीमा तनाव के बीच रक्षा मंत्री का ये ऐलान काफी अहम है.
रक्षा मंत्री ने ट्वीट में लिखा, "रक्षा मंत्रालय अब आत्मनिर्भर भारत पहल के लिए एक बड़ा कदम उठाने को तैयार है. रक्षा उत्पादन के स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए 101 से ज्यादा आइटमों पर आयात प्रतिबंध (एम्बार्गो) पेश करेगा."
The list is prepared by MoD after several rounds of consultations with all stakeholders, including the Armed Forces, public & private industry to assess current and future capabilities of the Indian industry for manufacturing various ammunition & equipment within India.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 9, 2020
राजनाथ सिंह ने कहा, 'इन 101 आइटमों में सिर्फ आसान वस्तुएं ही शामिल नहीं हैं बल्कि कुछ उच्च तकनीक वाले हथियार सिस्टम भी हैं जैसे आर्टिलरी गन, असॉल्ट राइफलें, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, LCHs, रडार और कई अन्य आइटम हैं जो हमारी रक्षा सेवाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए हैं. आयात पर प्रतिबंध (एम्बार्गो) को 2020 से 2024 के बीच धीरे-धीरे लागू करने की योजना है.'
बता दें, भारत और चीन के बीच एलएससी पर पैंगोंग झील को लेकर बातचीत चल रही है. दोनों पक्षों ने गतिरोध के स्थानों से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की जटिलताओं पर बातचीत की, जहां अभी तक चीनी सैनिक मौजूद हैं. ऐसी सूचना मिली है कि दोनों पक्षों ने गतिरोध के क्षेत्रों से सैनिकों के पीछे हटने के लिए एक समयसीमा तय करने पर भी बातचीत की.
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