Rajnath Singh Met Putin: भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मॉस्को में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की. यह बैठक 21वें भारत-रूस अंतर सरकारी आयोग (IGC) के सैन्य और सैन्य-तकनीकी सहयोग सत्र के दौरान हुई. राजनाथ सिंह ने पीएम  मोदी की ओर से राष्ट्रपति पुतिन को बधाई भी दी. बैठक के दौरान उन्होंने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की.


बैठक के मुख्य बिंदु भारत-रूस रक्षा सहयोग पर केंद्रित था. दोनों देशों ने अपने रक्षा संबंधों की प्रगति की समीक्षा की और इसे नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकल्प लिया. भारत और रूस के बीच डिफेंस इक्विपमेंट, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और सैन्य अभ्यास में सहयोग पर चर्चा हुई. 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत रूस से टेक्निकल पार्टनरशिप्स पर जोर दिया गया, जिससे भारतीय रक्षा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा.


'पर्वत से ऊंची है भारत रूस की दोस्ती'


एक वीडियो में दोनों नेताओं को क्रेमलिन में मिलते, हाथ मिलाते और तस्वीरें खिंचवाते हुए दिखाया गया. भारतीय रक्षा मंत्री ने रूसी राष्ट्रपति के साथ एक तस्वीर साझा की और एक्स पर लिखा "मॉस्को में क्रेमलिन में रूसी राष्ट्रपति श्री व्लादिमीर पुतिन से मिलकर खुशी हुई." बैठक के दौरान, राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत और रूस के बीच दोस्ती सबसे ऊंचे पर्वत से भी ऊंची और सबसे गहरे महासागर से भी गहरी है."


उन्होंने पुतिन से आगे कहा कि भारत हमेशा अपने रूसी दोस्तों के साथ खड़ा रहा है और भविष्य में भी ऐसा करता रहेगा. राजनाथ सिंह और व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन संघर्ष और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा परिदृश्य पर भी चर्चा की. भारत ने अपनी गैर-गठबंधन नीति और क्षेत्रीय शांति में भूमिका को दोहराया.


बैठक में भारत-रूस संबंधों की मजबूती पर जोर


बैठक में अमेरिका और पश्चिमी देशों की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद भारत-रूस संबंधों की मजबूती पर जोर दिया गया. भारत और रूस के बीच एस-400 मिसाइल प्रणाली और सुखोई-30 लड़ाकू विमानों जैसे प्रमुख रक्षा सौदों पर चर्चा की गई. दोनों देशों ने एडवांस्ड टेक्नोलॉजी के आदान-प्रदान और संयुक्त रक्षा उत्पादन को प्राथमिकता दी.


'देशों के बीच साझेदारी में अपार संभावनाएं'


रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि राजनाथ सिंह ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. एक सरकारी बयान में कहा गया, "दोनों नेताओं ने कहा कि दोनों देशों के बीच साझेदारी में अपार संभावनाएं हैं और संयुक्त प्रयासों से अच्छे परिणाम मिलेंगे." राजनाथ सिंह ने अपने रूसी समकक्ष आंद्रे बेलौसोव के साथ सैन्य और सैन्य सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग के 21वें सत्र की सह-अध्यक्षता करने के बाद पुतिन से मुलाकात की.






बैठक के बाद क्या बोले रक्षा मंत्री?


राजनाथ ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "मास्को में अपने रूसी समकक्ष आंद्रे बेलौसोव के साथ आईआरआईजीसी-एमएंडएमटीसी की बहुत ही प्रोडक्टिव मीटिंग हुई. द्विपक्षीय रक्षा संबंधों के बैठक में हमने दोनों देशों के बीच सहयोग को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की. हम भारत-रूस विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं."


भारत-रूस साझेदारी का महत्व


भारत के मिलिट्री मॉडर्नाइजेशन में रूस का बड़ा योगदान है वह एक प्रमुख भागीदार रहा है. भारत के लगभग 60-70% रक्षा उपकरण रूस से इम्पोर्ट किए जाते हैं. अच्छी बात यह है कि दोनों देशों ने भविष्य के रक्षा प्रोजेक्ट्स पर सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई है. भारत और रूस का रणनीतिक साझेदारी समझौता 1971 से लेकर अब तक मजबूत बना हुआ है. यह बैठक दोनों देशों के बीच इस स्थिरता को बनाए रखने का एक और कदम है.



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