Rajnath Singh On G-20 Logo: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (8 नवंबर) को भारत के G-20 प्रेसीडेंसी के लोगो, थीम और वेबसाइट का अनावरण किया था. G-20 इंडिया के लोगो में कमल का फूल है जिसे लेकर विपक्षी नेताओं ने सवाल उठाया है. इस पर अब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पलटवार किया है. रविवार (13 नवंबर) को राजनाथ सिंह ने हरियाणा के झज्जर में सम्राट पृथ्वीराज चौहान की प्रतिमा अनावरण समारोह में हिस्सा लिया. 


राजनाथ सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आप सबको जानकारी होगी कि 2023 में G20 समूह की अध्यक्षता भारत को करनी है और इस दृष्टि से भारत में कई आयोजन होने हैं. इसके लिए, पिछले दिनों एक लोगो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जारी किया. इस लोगो में कमल का फूल भी है. वह देखकर लोगों ने हंगामा किया कि यह बीजेपी का चुनाव चिह्न है. सच्चाई यह है कि 1950 में कमल के फूल को भारत सरकार ने राष्ट्रीय पुष्प घोषित किया था. कमल का फूल भारत की सांस्कृतिक पहचान से जुड़ा है. 






रक्षा मंत्री ने और क्या कहा?


रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि 1857 में जब प्रथम स्वाधीनता संग्राम लड़ा तो आजादी के मतवालों ने एक हाथ में रोटी और दूसरे हाथ में कमल का फूल लेकर आजादी की लड़ाई लड़ी थी. अब किसी पार्टी के चुनाव चिह्न होने की वजह से उसको छोड़ देना चाहिए? उसकी राष्ट्रीय पुष्प की मान्यता खत्म कर देनी चाहिए? क्या किसी पार्टी का चुनाव चिह्न पंजा है तो क्या इस पंजे को काट देना चाहिए या 'पंजा' शब्द का प्रयोग करना नहीं चाहिए? अगर किसी पार्टी का चुनाव चिह्न साइकिल है तो क्या उस साइकिल को छोड़ देनी चाहिए, या साइकिल पर नहीं बैठना चाहिए? कमल का फूल भारतीय संस्कृति और अस्मिता से जुड़ा है. 


भारत करेगा G-20 की अध्यक्षता


राजनाथ सिंह ने कहा कि हमें इस बात पर हर्ष और गर्व होना चाहिए कि इस समय देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक ऐसी सरकार काम कर रही है जिसने इस देश की आकांक्षाओं को समझा है और सांस्कृतिक विरासत को भी सम्मान दिया है. बता दें कि, भारत 1 दिसंबर से G-20 की अध्यक्षता करेगा. G-20 इंडिया का लोगो 'वसुधैव कुटुम्बकम' का प्रतिनिधित्व करता है. पीएम मोदी (PM Modi) ने जी-20 के लोगों का अनावकरण करते हुए कहा था कि ये लोगो 'वसुधैव कुटुम्बकम' का प्रतिनिधित्व करता है. 


"दुश्मन को मुंह तोड़ जवाब देंगे"


इसके साथ-साथ देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साफ तौर से ये एलान भी किया कि भारत की सेनाएं अब दुश्मन को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह (हथियारों) से सुसज्जित हैं. उन्होंने ये भी कहा कि दुश्मन को माफ करना अच्छी बात है, लेकिन उसे इतना मौका नहीं देना चाहिए कि वो पलटकर हमला कर दे. रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत अब कमजोर नहीं है. हम शांति में विश्वास करते हैं, लेकिन अगर कोई हमें नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है, तो हम मुंहतोड़ जवाब देंगे. 


सर्जिकल स्ट्राइक का किया जिक्र


राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे सैनिकों ने बार-बार यह साबित किया है. 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक, 2019 बालाकोट एयर-स्ट्राइक और गलवान घाटी की घटना के दौरान हमारे सैनिकों की ओर से दिखाई गई बहादुरी हमारी ताकत और तैयारियों का सबूत है. रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का मुख्य केंद्र-बिंदु है और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए देश की रक्षा हेतु सेना को अत्याधुनिक और स्वदेशी रूप से विकसित हथियारों और उपकरणों से लैस किया जा रहा है. 


"दुनिया अब नई दिल्ली को उत्सुकता से सुनती है"


रक्षा मंत्री ने कहा कि दुनिया अब नई दिल्ली को उत्सुकता से सुनती है. इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि सरकार के प्रयासों के कारण भारत अब दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, उन्होंने आशा व्यक्त की कि देश आने वाले समय में खुद को शीर्ष तीन में पाएगा. राजनाथ सिंह ने पृथ्वीराज चौहान के मौहम्मद गौरी को हराने का बाद माफ करने की घटना का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि इसे हमारे यहां सद्गगुण-विकृति का नाम दिया गया है. 


ये भी पढ़ें- 


G-20 Summit: पीएम मोदी ने G-20 के लोगो का किया अनावरण, कहा- पौराणिक धरोहर को बताता है कमल का फूल