दिल्ली विश्वविद्यालय के 98वें दीक्षांत समारोह में शनिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल हुए. रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में कहा, "जीवन में मर्यादाओं का होना आवश्यक है. हमारे बड़े मन के ऋषि-मुनि ने कहा था 'होल वर्ल्ड इस माय फैमली'. छोटे मन के लोग ऐसा नही कह सकते. बड़े मन के लोग हमारे भारत में हैं. छोटे मन के तो 9/11 को अंजाम देते हैं. अमेरिका में टावर गिरा देते हैं. अमेरिका में ही ट्रेनिंग की और वहीं जाकर ऐसा करते हैं."


राजनाथ सिंह ने कहा, "आपको यह ध्यान रखना होगा मित्रों कि खूब पढ़ने के बाद भी कोई ट्रेंड पायलट होकर 9/11 की घटना करने वाला खालिद शेख या मोहम्मद अता बन सकता है. डॉक्टर होकर भी कोई अफजल गुरु बन सकता है और चार्टेड अकाउंटेंट होकर भी कोई याकूब मेमन बन सकता है. अरबपति-खरबपति होकर भी कोई बिन लादेन बन सकता है. ये बात हमको ध्यान रखनी चाहिए.


रक्षा मंत्री ने कहा, "इसलिए आप बुद्धिमान हैं तो ये नही मान सकते कि आप सब कुछ हैं या कितने प्रतिभावान, धनवान हैं. महत्व इस बात का है कि आपके मन का संस्कार कैसा है. आपका मन छोटा है या बड़ा है. जो लोग कहते हैं कि गरीबी और अशिक्षा के कारण आतंकवाद पनपता है इन सबकी बात को और तर्क को ऊपर दिए गए उदाहरण ध्वस्त करते हैं. दीक्षांत समारोह में बोलते समय हमारा उद्देश्य शिक्षा से अधिक दीक्षा पर ही होना चाहिए."


यूक्रेन के घटनाक्रम पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कहते हैं, "यूक्रेन सरकार के विदेश मंत्री से हमारे विदेश मंत्री ने बात की है. छात्रों को सुरक्षित लाने की व्यवस्था चल रही है. परसों सीसीएस की जो बैठक हुई थी, उसी वक्त प्रधानमंत्री ने फैसला किया की सबको लाएंगे और भारत सरकार उनको अपने खर्च पर लाएगा. ऐसा नहीं है कि सीसीएस की बैठक के बाद इनको वापस लाने का सिलसिला प्रारंभ हुआ है. उसके केई दिन पहले से ही प्रधानमंत्री ने कहा था कि उनके लाने की व्यवस्था की जाए. कई लोग आ भी चुके हैं. हालात सामान्य होने चाहिए हम लोगों की ख्वाहिश यही है."


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "देश में बीते 5 से 6 सालों में 60 हजार से भी ज्यादा स्टार्ट अप की शुरुआत हुई है. इसे पहले ये संख्या बहुत कम थी. 2020 में ही अबतक 10 नए यूनिकॉर्न भी जुड़े हैं." आगे रक्षा मंत्री बताते हैं कि कैसे देश के बाहर से आए विद्वानों को भारत के नैनीताल में आकर मन की शांति प्राप्त हुई. मार्क जुकरबर्ग, स्टीव जॉब्स के नैनीताल के नीम करौली स्थित कैची बाबा मंदिर जाया करते थे.


पिछले साल DU ने बनाया था "डिजिटल डिग्री" प्रदान करने का रिकॉर्ड


पिछले साल अपने 97वें दीक्षांत समारोह में दिल्ली विश्वविद्यालय 1,78,719 छात्रों को "डिजिटल डिग्री" प्रदान करने वाला देश का पहला संस्थान बन गया था. वहीं इस साल हाइब्रिड ढंग से दिल्ली यूनिवर्सिटी के इंडोर स्टेडियम, डीयू स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में से छात्रों को जोड़ा गया यानी कुछ कोर्स के छात्रों को ऑनलाइन तो कुछ को कार्यक्रम में उपस्थित होने के साथ दीक्षांत समारोह में जोड़ा जाएगा. डिग्री प्राप्त कर रहे छात्रों को एडवांस में इसकी जानकारी दे दी गई है. 


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