Defence Minister Rajnath Singh on Journalists: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार (15 जनवरी) को कहा कि पत्रकारों को सटीकता, निष्पक्षता और निष्पक्षता के बुनियादी मूल्यों का पालन करना चाहिए, जबकि जो लोग समाचारों के साथ "छेड़छाड़" करते हैं, उन्हें पत्रकार नहीं कहा जा सकता है. राजनाथ सिंह ने कहा, "आज के पत्रकारों को सटीकता, निष्पक्षता, निष्पक्षता, समाचारों की उपयुक्तता और स्वतंत्रता के बुनियादी मूल्यों का पालन करना चाहिए." साथ ही यह भी कहा कि अपने प्रतिद्वंद्वियों या प्रतिस्पर्धियों को हराने की दौड़ में गलत खबरें प्रकाशित नहीं की जानी चाहिए.
रक्षा मंत्री ने कहा कि पत्रकारों का देश में उतना ही सम्मान है जितना एक शिक्षक का है. कोई भी व्यक्ति जो समाचारों के साथ छेड़छाड़ करता है, मेरा मानना है कि वह किसी भी सूरत में पत्रकार नहीं हो सकता है." आगे सफाई देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, 'मैं यह नहीं कहता कि मीडिया को आलोचना नहीं करनी चाहिए, लेकिन जहां राष्ट्रहित का सवाल हो, वहां आलोचना के लिए आलोचना सही नहीं है.'
'मीडिया इस देश और समाज का अभिन्न अंग है'
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मीडिया इस देश और समाज का अभिन्न अंग है. हाल के वर्षों में हमने देखा है कि मीडिया ने भी बहुत सकारात्मक और रचनात्मक भूमिका निभाई है. कोरोना के संकटकाल में पत्रकारों ने "कर्मयोगी" की तरह काम किया और स्वच्छ भारत अभियान की सफलता में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. पत्रकारिता इस देश में लोकतंत्र की रक्षा और मजबूती के मुख्य स्तंभों में से एक रही है.
'आजादी की लड़ाई में पत्रकारिता का यागदान'
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मीडिया की भूमिका की तारीफ करते हुए कहा कि आजादी की लड़ाई में पत्रकारिता का बहुत बड़ा योगदान रहा है. उन्होंने कहा कि पत्रकारिता सूचना और संचार का इतना सशक्त माधयम बनी कि देश को आजाद कराने में शामिल लगभग सभी नेताओं को अपने अखबार निकालने पड़े थे.
उन्होंने कहा कि यह कहना गलत नहीं होगा कि समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के तरफ से हमारी आजादी की बैकग्राउंड को तैयार की गई थी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय साप्ताहिक 'पांचजन्य' के 75 साल पूरे होने के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 'पांचजन्य' के 75 साल पूरे होने पर भारतीय पत्रकारिता जगत में एक महत्वपूर्ण घटना है.