नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद पर राजनयिक और सैन्य स्तर की बातचीत का अभी तक कोई 'उद्देश्य पूर्ण' हल नहीं निकला है. एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में रक्षा मंत्री ने कहा कि अगर एलएसी पर यथास्थिति बरकरार रहती है तो फिर सैनिकों की संख्या में कमी नहीं की जा सकती.


रक्षा मंत्री ने कहा, ''यह सही है कि भारत और चीन के बीच गतिरोध खत्म करने के लिए राजनयिक और सैन्य की बातचीत हो रही थी. लेकिन इसमें अभी तक कोई सफलता मिली नहीं है. अगले दौर में एक बार फिर सैन्य स्तर की बातचीत होगी. अभी कोई उद्देश्य पूर्ण हल नहीं निकला है और यथास्थिति बरकरार है.''


उन्होंने कहा, ''अगर यथास्थिति रहती है तो फिर स्वाभाविक है कि सैन्य तैनाती को कम नहीं किया जा सकता. हमारे तरफ से तैनाती में कोई कमी नहीं होगा और मुझे लगता है कि उनकी तरफ से भी ऐसा ही होगा. बातचीत जारी है, हमें उम्मीद है कि सकारात्मक हल निकलेगा.''


देश की सुरक्षा के सवाल पर रक्षा मंत्री ने कहा, ''मैं पिछली सरकारों पर सवाल नहीं उठाना चाहता लेकिन मैं कह सकता हूंं कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यभाल संभाला है, राष्ट्रीय सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता रही है. हम अपने सुरक्षाबलों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं उपलब्ध करवा रहे हैं.''


आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर जमकर भड़के रक्षामंत्री
आतंकी गतिविधियों और साजिश के सवाल पर रक्षामंत्री ने खुलेआम पाकिस्तान को लताड़ लगाई. उन्होंने कहा, ''पाकिस्तान जब से अस्तिव में आया है तब के कुछ ना कुछ नापाक हरकतें सीमा पर करता रहता है. जहां तक सीज़ फायर वायलेशन का सवला है वो 200, 250, 300, 400 बार करता रहता है. लेकिन हमारी सेना के जवान बराबर उसे मुंहतोड़ जवाब देते रहते हैं. भारत के जवानों ने यह सिद्ध करके दिखा दिया है कि केवल इस पार से ही नहीं, आंकवाद का सफाया करने के लिए उस पार भी आतंकी ठिकानों को खत्म करने की जरूरत होगी तो भारत कर सकता है. हमने सिद्ध कर दिया है कि भारत के अंदर यह कुववत और ताकत है.''


उन्होंने कहा, ''भारत ऐसी कोई चीज बर्दाश्त नहीं कर सकता जो आत्म सम्मान को चोट पहुंचाती हो. सॉफ्ट होने का मतलब यह नहीं कि कोई भी हमारे गौरव पर हमला करेगा और चुपचाप देखते रहेंगे. भारत अपने गौरव को लेकर कभी समझौता नहीं करेगा.''


किसान आंदोलन पर क्या बोले रक्षा मंत्री?
किसान आंदोलन और उस पर कनाडा के प्रधानमंत्री की टिप्पणी को लेकर रक्षा मंत्री ने नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा, ''मैं दुनिया के किसी भी प्रधानमंत्री से कहना चाहूंगा कि भारत के आंतरिक मामलों में बोलना बंद करें. भारत को किसी के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है. हम लोग आपस में बैठकर समस्याओं का समाधान करेंगे. यह भारत का आंतरिक मामला है दुनिया के किसी देश को भारत के आंतरिक मामलों में बोलने का हक नहीं है. भारत ऐसा वैसा देश नहीं है किजो चाहे वो बोल दे.''


विदेश में किसानों के प्रदर्शन और साजिश के आरोपों पर रक्षा मंत्री ने कहा, ''हमारे किसान भाइयों के मन में कहीं ना कहीं एक गलत फहमी पैदा करने की कोशिश की गई है. मैं सम्मान व्यक्त करते हुए, विनम्रता पूर्वक अपने किसान भाइयों से कता हूं कि आप तीनों बिलों को लेकर बैठिए और क्लॉज बाइस क्लॉज चर्चा कीजिए. आपको लगता हो कि किसी बड़े एक्सपर्ट को बैठाने की जरूरत है आप बैठाइए. सरकार आपके साथ बातचीत के लिए तैयार है. हम किसान भाइयों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठा सकते हैं.''