हैदराबाद: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण करना सरकार की प्राथमिकता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार स्वदेशीकरण पर जोर दे रही है और इसके जरिए सेना की जरुरतों को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है. रक्षा मंत्री ने कहा कि उपकरणों का आयात तभी किया जाएगा, जब उसके देश में बनाए जाने की स्थिति नहीं होगी. राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार चाहती है कि सभी हथियार देश में ही बने.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘मैं यह दोहराना चाहूंगा कि सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण करना हमारी प्राथमिकता है. हम केवल स्वदेशीकरण के जरिए सेना की सभी जरुरतों को पूरा करना चाहते हैं.’’ सिंह ने कहा कि रक्षा क्षमताओं और तैयारियों को बढ़ाने के लिए स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने की जरुरत है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ये बातें रक्षा क्षेत्र की पीएसयू इकाई (सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम) भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) के स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर कही. उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के जरिए देश को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में अहम भूमिका निभाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि रक्षा निर्यात को साल 2025 तक एक सम्मानित स्तर तक ले जाया जाए जिसके लिए बीडीएल को महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की जरुरत है.
राजनाथ सिंह ने कहा कि मिसाइल विकास कार्यक्रम का मकसद देश के आक्रामक रुख को दिखाना नहीं है. उन्होंने पाकिस्तान का बिना नाम लिए कहा, ‘‘हमारे पड़ोसी देश में मिसाइलों के नाम आक्रमणकारी बाबर, गोरी, गजनवी के नाम पर रखा गया है. ये नाम पाकिस्तान के आक्रामक रुख को दिखाता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे मिसाइलों का नाम- पृथ्वी, आकाश, अग्नि, नाग, त्रिशूल, ब्रह्मोस जरुरत पड़ने पर सृजन, संयम और विध्वंस में संतुलन बनाने में प्रेरित करते हैं.’’ आतंकवाद के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि भारत दुनिया को यह समझाने में सफल रहा है कि आतंकवाद पर जीरो टोलरेंस की नीति अपनायी जाएगी.
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