नई दिल्ली: चीन की तरफ इशारा करते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि लद्दाख की स्थिति के मद्देनजर अग्रिम ठिकानों पर भारतीय वायुसेना द्वारा की गई त्वरित तैनाती से विरोधियों को कड़ा संदेश गया.


बता दें कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों द्वारा किए गए एक क्रूर हमले में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. भारती जवानों की जवाबी कार्रवाई में चीन को भी भारी नुकसान पहुंचा.


इस घटना के बाद भारत ने एलएसी पर भारी तैनाती की है. वायुसेना के जंगी जहाजों को तैनात किया गया है. आने वाले दिनों में राफेल लड़ाकू विमानों की भी तैनाती की जाएगी.


वायुसेना ने सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर और मिराज 2000 जैसे अग्रिम मोर्चे के लगभग अपने सभी तरह के लड़ाकू विामनों को पूर्वी लद्दाख में और एलएसी के आसपास अन्य स्थानों पर तैनात किये हैं. हालांकि, पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कई स्थानों से दोनों देशों के अपने सैनिकों को पूर्ण रूप से हटाने के लिये दोनों पक्षों के बीच कूटनीतिक एवं सैन्य बातचीत जारी है.


वायुसेना के विमान पिछले कुछ हफ्तों से पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में रात के समय में गश्त कर रहे हैं. पर्वतीय क्षेत्र में किसी भी तरह की आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिये वह अपनी तैयारी के तहत ऐसा कर रही है.


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