रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत में जल्द ही रूस की कोरोना वैक्सीन स्पूतिनिक-V पहुंच जाएगी. लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर वर्चुअली संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा- “मुझे विश्वास है कि वैज्ञानिक जल्द ही परीक्षण पूरा कर लेंगे... सबसे पहले डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन देने पर सहमति बनी है. ”


राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि कोविड-19 महामारी ने भारत को उस लड़ाई के लिए मजबूर कर दिया, जिसके बारे मे कभी कल्पना नहीं की थी. उन्होंने कहा, “इस लड़ाई में सैनिक और गोला बारूद की जगह चिकित्सा बिरादरी आगे हैं जो अदृश्य दुश्मन को रोकने के लिए लगातार काम कर रहे हैं. यह ऐसी स्थिति है जो करीब सौ साल पहले स्पेनिश फ्लू महामारी के दौरान आई थी.”


रक्षा मंत्री ने आगे कहा- इस महामारी से कोई सुपरमेन नहीं बचा सकता है और उन्होंने डॉक्टरों को वास्तव में सुपरहीरो कहा. उन्होंने कहा कि केजीएमयू को यह 2020 में सोचना चाहिए कि उसे 2050 में कहां पर खड़ा होना चाहिए.


इधर, यूनाइटेड किंगडम (UK) में कोरोना के नए स्ट्रेन की खबरों ने लोगों को एक बार फिर से डरा दिया है. यूनाइटेड किंगडम में पाए गए SARS-CoV-2 वायरस के नए संस्करण के संदर्भ में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने SOP जारी की है. एसओपी में यह कहा गया है कि राज्य सरकार ये सुनिश्चित करें की यूके से आनेवाले यात्रियों का आरटी पीसीआर टेस्ट हुआ हो. वहीं पॉजिटिव पाए जाने पर spike gene-based RT-PCR test लैब से करवाएं.


इसके साथ ही, जो यात्री पॉजिटिव पाए जाते हैं उन्हें इंस्टिट्यूशनल आइसोलेशन फैसिलिटी में अलग रखा जाए. इसके लिए अलग से व्यवस्था हो. इनका सैंपल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे में या किसी लैब में भेज कर genomic sequencing करवाएं. अगर रिपोर्ट में आता है कि संक्रमण वाला वायरस वही है, जो भारत में पहले से है तो भारत में ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल के तहत ही इलाज हो. गंभीर ना होने पर होम आइसोलेशन या फैसिलिटी लेवल पर ट्रीटमेंट हो.