Naval Commanders Conference: पहली बार स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर पर नौसेना कमांडरों का सम्मेलन, चीन के खिलाफ रणनीति से क्या है इसका संबंध?
Naval Commanders Conference 2023: भारतीय नौसेना के कमांडरों का इस साल का पहला सम्मेलन समंदर में स्वदेशी विमानवाहक पोत पर होने जा रहा है. इसे चीन के खिलाफ भारत की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है.
Naval Commanders Conference 2023 onboard INS Vikrant: भारतीय नौसेना (Indian Navy) के कमांडरों के वर्ष 2023 के सम्मेलन का पहला चरण सोमवार (6 मार्च) को समंदर पर तैरते स्वदेशी विमानवाहक पोत पर शुरू होगा. स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) नौसेना के कमांडरों को संबोधित करेंगे.
इस सम्मेलन में सैन्य-रणनीतिक स्तर पर नौसेना कमांडरों और वरिष्ठ अधिकारियों के बीच महत्वपूर्ण सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की जाती है. समुद्र में स्वदेशी विमानवाहक पोत पर इस सम्मेलन के पहले चरण के आयोजन को चीन के खिलाफ भारत की रणनीति से जोड़कर भी देखा जा रहा है क्योंकि पड़ोसी देश हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है. माना जा रहा है कि इस सम्मेलन में चीन के खिलाफ कोई ठोस रणनीति तैयार हो सकती है.
रक्षा मंत्री ने दी जानकारी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर जानकारी दी, ''कल, 6 मार्च को मैं नेवल कमांडर्स कॉन्फ्रेंस के लिए गोवा पहुंचूंगा. कॉन्फ्रेंस के पहले दिन भारत के प्रथम स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर मैं नौसेना के कमांडरों को संबोधित करूंगा.''
तीनों सेनाओं के प्रमुख लेंगे हिस्सा
बता दें कि रक्षा मंत्री के अलावा, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, थलसेना अध्यक्ष जनरल मनोज पांडे और वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी सम्मेलन में शामिल होंगे. सरकार की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इस सम्मेलन का उद्देश्य तीनों सेनाओं के बीच सामान्य संचालन के लिए वातावारण तैयार करना, देश की रक्षा और राष्ट्रीय हितों को लेकर आपसी तालमेल कायम रखना और त्वरित कार्रवाई से जुड़ी समस्याओं का समाधान करना है.
वहीं, नौसेनाध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह अन्य नौसेना कमांडरों के साथ पिछले छह महीनों में इंडियन नेवी की ओर से किए गए प्रमुख संचालन, सामग्री, रसद, मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण और प्रशासनिक गतिविधियों की समीक्षा करेंगे और महत्वपूर्ण गतिविधियों और पहलों के लिए भविष्य की योजनाओं पर विचार-विमर्श करेंगे.
क्यों अहम है ये सम्मेलन?
भारत जहां यह सम्मेलन कर रहा है, उस जगह मौजूदा भू-रणनीतिक स्थिति के कारण इसका अपना महत्व और प्रासंगिकता बताई जा रही है. प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि भारत के बढ़ते समुद्री हितों के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में नौसेना के संचालन कार्यों में अहम तेजी आई है. समुद्री हितों की चुनौतियों का समाधान करने के लिए नौसेना की तैयारी कैसी है, इस पर कमांडर विचार-विमर्श करेंगे. नौसेना की युद्ध और भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार कितनी तैयारी है, सम्मेलन इस पर भी केंद्रित होगा.
पिछले साल 22 नवंबर को भारतीय नौसेना में अग्निपथ योजना लागू की गई थी. इसलिए सम्मेलन के दौरान नौसेना कमांडरों को अग्निपथ योजना पर ताजा जानकारी दी जाएगी. उल्लेखनीय है कि 23 मार्च को अग्निवीरों का पहला बैच आईएनएस चिल्का से पास आउट होने वाला है. इसमें भारतीय सशस्त्र बलों की महिला अग्निवीरों का पहला बैच भी शामिल है.