Govt in Parliament: भारत हमेशा से ही चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद में रहता है. ऐसे में देश के रक्षा बजट को लेकर भी काफी चर्चा होती है. संसद में रक्षा मंत्रालय से कई सवाल पूछे गए थे, जिनमें रक्षा बजट का डेटा भी शामिल था. केंद्र सरकार की तरफ से रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने इन सभी सवालों का जवाब दिया. 


सैनिक स्कूलों में छात्राओं की भागीदारी
राज्य सभा सांसद बृजलाल की तरफ से पूछे गए एक सवाल के जवाब में रक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि, मौजूदा शिक्षक-सत्र यानी 2021-22 में कुल 312 छात्राओं ने देश के अलग-अलग 33 सैनिक स्कूलों में दाखिला लिया. पिछले साल ही रक्षा मंत्रालय ने सैनिक स्कूलों में छात्राओं के लिए कक्षा छह में एडमिशन के लिए दरवाजे खोले थे.


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हथियारों के आयात में लगातार आ रही कमी
सांसद प्रियंका चुतर्वेदी के रक्षा बजट और हथियारों की खरीद पर पूछे गए सवाल पर जवाब देते हुए बताया गया कि, पिछले आठ सालों में देश की सेनाओं के लिए रक्षा बजट का करीब 40 प्रतिशत विदेशी हथियारों और दूसरे सैन्य साजो सामना खरीदने में खर्च हुआ. 2018-19 के बाद से हथियारों के आयात में लगातार कमी आ रही है. 


संसद में रक्षा मंत्रालय ने ये भी बताया कि, 2014-15 के बाद से हर साल देश में कितना हथियारों का उत्पादन हो रहा है. सरकार ने बताया कि 2014-15 और 2015-16 का डाटा मौजूद नहीं है. 2016-17 के बाद का डेटा जारी किया है. जिसमें कुल 86,643 करोड़ के रक्षा और एरोस्पेस संबंधी स्वदेशी आइटम का उत्पादन हुआ. 


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