नई दिल्ली: सरकार ने सशस्त्र बलों के लिए 3300 करोड़ रुपये से अधिक के सैन्य उपकरणों की खरीद की मंजूरी दी है. इन उपकरणों में देश में विकसित टैंक रोधी निर्देशित मिसाइलें भी शामिल हैं. सैन्य उपकरण खरीदने से संबंंधित फैसला रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) की एक बैठक में लिया गया. पहली दो परियोजनाओं में तीसरी पीढ़ी की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) और टी-72 और टी-90 युद्धक टैंकों के लिए आक्जलरी पावर यूनिट (एपीयू) की खरीद शामिल है.


रक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में कहा, ‘‘जहां तीसरी पीढ़ी की एटीजीएम बख़्तरबंद लड़ाई में सैनिकों को ‘दागो और भूल जाओ' और ‘शीर्ष हमले’ की क्षमता प्रदान करेगी, एपीयू ‘फायर कंट्रोल सिस्टम’ से टैंकों में रात में लड़ने की क्षमता आएगी.’’


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इन दोनों परियोजनाओं को ‘मेक-दो’ श्रेणी के तहत पूरा किया जाएगा और यह निजी क्षेत्र में स्वदेशी अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देगा. रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘रक्षा मंत्रालय ने पहली बार भारतीय निजी उद्योग को ‘कॉप्लेक्स’ सैन्य उपकरणों को डिजाइन, विकसित और निर्मित करने की पेशकश की है. ’’


तीसरी स्वदेशी परियोजना पर्वतीय और अधिक ऊंचाई वाले इलाकों के लिए अलग इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) प्रणालियों की खरीद से संबंधित है. प्रणाली को डीआरडीओ द्वारा डिजाइन और विकसित किया जाएगा और इसका निर्माण भारतीय उद्योग के डिजाइन और उत्पादन साझेदार द्वारा किया जाएगा.


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