रक्षा मंत्रालय (Defense Ministry) ने मंगलवार को चीन और पाकिस्तान (China and Pakistan Border) के साथ सीमाओं पर गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एक डेडिकेटिड सर्विलांस सेटेलाइट (Dedicated Surveillance Satellite) के लिए 4,000 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक ने मंगलवार को भारतीय सेना (Indian Army) के लिए भारत में डेडिकेटिड सेटेलाइट के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.
उपग्रह GSAT 7B के लिए परियोजना को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के साथ साझेदारी में अंजाम दिया जाएगा. इससे भारतीय सेना को किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर बारीकी से नजर रखने में मदद मिलेगी. सरकारी सूत्रों के मुताबिक सेना ने सीमावर्ती क्षेत्रों में अपनी निगरानी बढ़ाई है.
भारतीय नौसेना और वायु सेना के पास पहले से ही अपने डेडिकेटिड सेटेलाइट हैं और इसके अनुमोदन से भारतीय सेना (Indian Army) को क्षमता हासिल करने में मदद मिलेगी. अप्रैल-मई 2020 से चीन के साथ सैन्य गतिरोध के बाद भारतीय सेना चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर बेहद सजग है.
ड्रोन सहित अपनी निगरानी उपकरणओं को मजबूत करने के साथ-साथ क्षमताओं को उन्नत करने की दिशा में सेना काम कर रही है. रक्षा अधिकारियों ने कहा कि इसरो द्वारा बनाए जाने वाला सेटेलाइट देश में स्वदेशी उद्योग विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए मेक इन इंडिया कार्यक्रम में भी मदद करेगा.
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