Defence Ministry: रक्षा मंत्रालय का विदेशी सैन्य कंपनियों पर नकेल, ऑफसेट दायित्वों में चूक को लेकर हो सकती है कठोर कार्रवाई
Defence Ministry on Foreign Firms: रक्षा मंत्रालय के पास जो आंकड़े उपलब्ध हैं उससे पता चलता है कि पिछले 5 सालों में विदेशी कंपनियां 2.24 अरब डॉलर से अधिक के ऑफसेट प्रदर्शन करने में विफल रही हैं.
Defence Ministry Cracks Down On Foreign Companies: भारतीय रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) उन विदेशी कंपनियों पर नकेल कस रहा है, जिन्होंने अपने ऑफसेट दायित्वों (Offsets Obligations) पर चूक की है. गैर-अनुपालन के मामले में आने वाले महीनों में कठोर कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है. द इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक प्रमुख सैन्य अनुबंध प्राप्त करने वाली विदेशी फर्म्स को नोटिस भेजे गए हैं. ये ऐसे फर्म हैं जिन पर आरोप है कि भारतीय रक्षा (Indian Defence Sector) और एयरोस्पेस क्षेत्र (Aerospace Sector) में कम से कम 30 फीसदी का अनिवार्य निवेश करने में विफल रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक कंपनियों के खिलाफ एक्शन लिए जा रहे हैं क्योंकि कई प्रमुख विदेशी निर्माता, विशेष रूप से यूरोप और अमेरिका से अपनी ऑफसेट प्रतिबद्धताओं में पीछे हैं या फिर नियमों के तहत अपनी योजनाएं प्रस्तुत नहीं कर पाए हैं. रक्षा मंत्रालय के पास उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले 5 सालों में विदेशी कंपनियां 2.24 अरब डॉलर से अधिक के ऑफसेट प्रदर्शन करने में विफल रही हैं. इन कंपनियों को एक्सटेंशन दिए जाने के बाद भी वो अपने ऑफसेन दायित्वों का पालन करते नहीं दिखे.
ऑफसेट दायित्वों में चूक करने पर नकेल
जानकारी के मुताबिक ऑफसेट दायित्वों में चूक करने वाली कंपनियों पर जुर्माना भी लगाया गया है. नियमों का अनुपालन न करने पर कठोर कार्रवाई में कंपनियों को प्रतिबंधित करना शामिल हो सकता है. चूक करने वाली कंपनियों के खिलाफ संभावित कदमों को लेकर सूत्रों ने बताया कि पहले चरण में विदेशी उपकरणों के लिए निर्धारित भुगतान से जुर्माना काट लिया जाएगा.
क्या है ऑफसेट नीति?
वहीं जानकारी के मुताबिक कुछ मामलों में ऑफसेट (Offsets) एक दशक से अधिक समय से लंबित हैं और विदेशी कंपनियों (Overseas Companies) को चूक के कारण एक निगरानी सूची में डाल दिया गया है. 2008 में शुरू की गई, ऑफसेट नीति विदेशी कंपनियों को भारतीय निर्माताओं को बड़े अनुबंधों के मूल्य का कम से कम 30 फीसदी आउटसोर्सिंग अनिवार्य करती है. 2008-2024 की अवधि में ऑफसेट के जरिए 11.2 अरब डॉलर आने का अनुमान लगाया गया था, लेकिन अब तक, इनमें से 20 फीसदी से कुछ अधिक का लक्ष्य ही प्राप्त किया जा सका है.
क्या रखी गई थी शर्त?
साल 2005 में भारत (India) ने आयातों के जरिए 300 करोड़ रुपये से ज्यादा की पूंजीगत खरीद के लिए डिफेंस ऑफसेट पॉलिसी (Defence Offsets Policy) अपनाई थी. विदेशी वेंडरों को खरीद की कीमत के कम-से-कम 30 फीसदी के बराबर का निवेश करने की शर्त रखी गई थी. पहला ऑफसेट करार 2007 में किया गया था और उसके बाद से ऐसे ही 57 करारों पर साइन हो चुके हैं.
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