Defence Ministry Project: टैंक और वॉरशिप पर इतनी बड़ी रकम खर्च कर रहा हिंदुस्तान! सुनकर ही थर-थर कांपेंगे चीन-पाकिस्तान
Warship For Indian Navy: भारतीय सेना और नौसेना को आधुनिक बनाने पर सरकार की तरफ से बहुत ज्यादा जोर दिया जा रहा है. लगातार इन्हें नए-नए हथियार दिए जा रहे हैं.
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Battle Tank For Indian Army: चीन के साथ बॉर्डर पर चल रहे गतिरोध के बीच रक्षा मंत्रालय कई अहम प्रोजेक्ट्स शुरू करने वाला है. इन प्रोजेक्ट्स के तहत भारतीय नौसेना के लिए सात अडवांस्ड वॉरशिप यानी युद्धपोत तैयार किए जाएंगे. ठीस ऐसे ही भारतीय सेना को उसके टी-72 टैंकों की जगह उसे मॉडर्न फ्यूचर रेडी कॉम्बैट व्हीकल्स (एफआरसीवी) दिए जाएंगे. सेना को मिलने वाले नए टैंक उसे खतरनाक हालातों से निपटने के काबिल बनाएंगे, ताकि दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, हथियारों को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार (3 सितंबर) को साउथ ब्लॉक में एक बैठक होने वाली है. इसमें कई टॉप अधिकारी शामिल होने वाले हैं, जिसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस), तीनों सेनाओं के प्रमुख, रक्षा सचिव और अन्य प्रमुख अधिकारी शामिल हैं. दोनों सेनाओं को सौंपे जाने वाले हथियारों के लिए जो प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं, उसकी लागत 1,20,000 करोड़ रुपये है.
भारतीय नौसेना को मिलेंगे सात नए युद्धपोत
रक्षा अधिकारियों की मानें तो भारतीय नौसेना को प्रोजेक्ट 17 ब्रावो के तहत सात नए युद्धपोत सौंपे जाएंगे. ये ऐसे युद्धपोत होंगे, जो वर्तमान में निर्माणाधीन नीलगिरि कैटेगरी के युद्धपोतों के बाद भारत में अब तक निर्मित सबसे अडवांस्ड खुफिया युद्धपोत होंगे. सूत्रों ने बताया है कि रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की बैठक में 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत प्राइवेट सेक्टर के शिपयार्ड्स सहित भारतीय शिपयार्ड्स को लगभग 70,000 करोड़ रुपये का टेंडर जारी करने की मंजूरी मिल सकती है.
50 हजार करोड़ की लागत से सेना को मिलेंगे 1700 एफआरसीवी
डीएसी की बैठक में बैठक में रूसी मूल के टी-72 टैंकों को 1,700 एफआरसीवी से बदलने के भारतीय सेना के प्रस्ताव पर भी चर्चा की जाएगी. सेना की योजना टी-72 को स्वदेशी एफआरसीवी से बदलने की है, जिसे रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया की मेक-1 प्रक्रिया के तहत बनाया जाएगा. सेना का टारगेट एफआरसीवी प्रोजेक्ट को कई फेज में पूरा करना है. हर फेज में लगभग 600 टैंक बनाए जाएंगे. एफआरसीवी प्रोजेक्ट की लागत 50,000 करोड़ रुपये से अधिक होने की संभावना है.
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