Defence News: तीनों सेनाओं के लिए भारत में ही बनेंगे 4.2 लाख कार्बाइन, जानिए कितने रुपये किए जाएंगे खर्च
Indian Army News: सरकार 'आत्मनिर्भर भारत' के तहत देश में सेना के हथियारों का निर्माण करने की योजना पर जोर दे रही है. सरकार ने सेना के तीनों अंगों के लिए भारत में ही कार्बाइन बनाने का फैसला किया है.
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Carbines For Indian Army: भारतीय सेना (Indian Army) के तीनों अंगो थल सेना, नौसेना और वायुसेना के लिए स्वदेश में ही कार्बाइन (Carbines) का निर्माण किया जाएगा. योजना के तहत तीनों सेनाओं के लिए 4.2 लाख कार्बाइन बनाए जाने की योजना है जिसके लिए पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया जाएगा. इतनी बढ़ी संख्या में सेना (Army) के लिए कार्बाइन का निर्माण सार्वजनिक या निजी क्षेत्र की कंपनियों के सहयोग से किया जाएगा. इसके लिए दो कंपनियों से कांट्रेक्ट किए जाने की योजना है.
भारतीय सेना को स्वदेश में निर्मित हथियारों को मुहिया कराने को लेकर सरकार पूरी तरह से समर्पित नजर आ रही है. इसलिए भारत ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और दक्षिण कोरिया (South Korea) से विदेशी हथियार खरीदने को लेकर 2.5 अरब डॉलर के अनुबंधों को रद्द कर दिया. भारत ने अब "आत्मनिर्भर भारत" के तहत तीनों सेनाओं के लिए 4.2 लाख स्वदेशी कार्बाइन का स्वयं निर्माण करने का निश्चय किया है.
कार्बाइन निर्माण के लिए ये है योजना
बता दें कि भारतीय सेना को इस समय एक लाख से अधिक कार्बाइन की तत्काल आवश्यकता है. इसलिए भारत में कार्बाइन की आपूर्ती को पूरा करने के लिए फास्ट ट्रैक प्रक्रिया के तहत इस कार्य को जल्द से जल्द शुरू किए जाने की योजना है. इतनी बढ़ी संख्या में कार्बाइन उत्पादन के लिए निजी या सार्वजनिक क्षेत्र की दो कंपनियों को कंट्रोक्ट दिए जाने की योजना है.
सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए सबसे अधिक बोली लगाने वाली कंपनी को 2 लाख से अधिक कार्बाइन बनाने का ऑर्डर मिल सकता है, जबकि बाकी बचे कार्बाइन बनाने का काम दूसरी कंपनी को दिया जा सकता है. दरअसल, इसके पीछे मकसद केवल जल्द से जल्द भारतीय सैनिकों को कार्बाइन मुहिया कराना है. इसके लिए थल सेना, वायुसेना और नौसेना इस हथियार के डिजाइन और उसे विकसित करने की दिशा में एक साथ काम करने की योजना बना रहे हैं.
बता दें कि भारत और रूस ने साल 2021 में AK-203 असॉल्ट राइफल के लिए 5,124 करोड़ रूपये के सौदे पर हस्ताक्षर किए थे. भारत को रूस के सहयोग से उत्तर प्रदेश के अमेठी स्थित कोरवा ऑर्डिनेंस फैक्टरी में छह लाख से अधिक असॉल्ट राइफलों का उत्पादन करना था लेकिन अभी तक ये योजना अधर में लटकी हुई है.
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