IAC Vikrant Aircraft Carrier: भारतीय नौसेना (Indian Navy) की ताकत जल्द ही अब और बढ़ जाएगी. देश के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर (Indigenous Aircraft Carrier) आईएसी विक्रांत (IAC Vikrant) को 2 सितंबर को भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा. इसे करीब 20 हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है. ये आईएसी विक्रांत स्वदेशी तौर से निर्मित जहाज है. ये आकार में काफी बड़ा है. पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) इसे भारतीय नौसेना में कमीशन करेंगे.


आईएसी विक्रांत (IAC Vikrant) को कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड की ओर से तैयार किया गया है. साल 1971 के जंग में इसी नाम के युद्धपोत ने बेहद ही अहम भूमिका अदा की थी. उसके सम्मान में ही इस एयरक्राफ्ट कैरियर का नाम आईएसी विक्रांत रखा गया. 


आईएसी विक्रांत की खासियत?


देश के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएसी विक्रांत कमीशन के लिए पूरी तरह तैयार है. ये पूरी तरह से स्वदेशी युद्धपोत है. इसके आकार की बात करें तो इसकी लंबाई 262 मीटर है, जबकि इसकी चौड़ाई 60 मीटर है. इसका वजन करीब 45 हजार टन है. इसमें 2300 से अधिक कंपार्टमेंट हैं, जिसमें 1700 लोग सवार हो सकते हैं. इसमें बिजली के 8 जेनरेटर लगे हैं. इस युद्धपोत में सभी सुविधाओं के साथ एक बेहद ही आधुनिक अस्पताल भी बनाया गया है. इसके अलावा सैकड़ों जवानों के लिए खाना बनाने को लेकर किचन की भी व्यवस्था है. किचन में कई ऑटेमेटिक मशीनें हैं. इस पोत में करीब 76 फीसदी स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल किया गया है. महिला अधिकारियों के लिए अलग से केबिन की व्यवस्था है.


आईएसी विक्रांत की ताकत? 


आईएसी विक्रांत एक साथ 30 फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर को अपने साथ ले जाने की ताकत रखता है. इसमें चार गैस टर्बाइन इंजन लगे हैं, जिससे 88 मेगावॉट की ताकत मिलेगी. इस युद्धपोत की अधिकतम स्पीड 28 नॉटिकल मील है. इस पर मिग-29K लड़ाकू जेट, कामोव-31 हेलीकॉप्टर के अलावा MH-60R मल्टी रोल हेलीकॉप्टर भी तैनात रहेंगे. आईएसी विक्रांत को ब्रह्मोस मिसाइल से भी लैस किया गया है. विक्रांत का फ्लाइट डेक करीब 2 फुटबॉल मैदान के बराबर का है. इस युद्धपोत पर डैमेज कंट्रोल सेंटर है, जहां से आग या फिर पानी से होने वाले हादसे को लेकर सतर्कता बरती जाएगी. ये पोत एक बार में 7500 समुद्री मील की दूरी तय करने में सक्षम है.


कैसे पड़ा विक्रांत नाम?


आईएसी विक्रांत (IAC Vikrant) को कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (Cochin Shipyard Limited) ने करीब 20 हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया है. इस युद्धपोत को इंडियन नेवी (Indian Navy) के इन-हाउस डायरेक्टरेट ऑफ नेवल डिजाइन (DND) ने डिजाइन किया है. इससे पहले आईएएनएस विक्रांत रूस से मिला हुआ एयरक्राफ्ट कैरियर था, जिसने साल 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान जंग में काफी अहम भूमिका अदा की थी. इसे अब रिटायर कर दिया गया, लेकिन इसी के सम्मान में और इसकी उपलब्धियों को याद रखने के मकसद से देश में बने नए एयरक्राफ्ट कैरियर का नाम भी विक्रांत ही रखा गया है. 


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