Defence News: इंडियन नेवी से जुड़ेगा समंदर का एक और शहंशाह Taragiri, ब्रह्मोस-बराक मिसाइलों से लैस युद्धपोत से उड़ेगी दुश्मनों की नींद
Indian Navy: युद्धपोत 'तारागिरी' (Taragiri) 3510 टन वजनी है. तारागिरी को भारतीय नौसेना (Indian Navy) के इन-हाउस ब्यूरो ऑफ़ नेवल डिज़ाइन की ओर से डिज़ाइन किया गया है.
Stealth Frigate Taragiri: दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेना को और मजबूत करने को लेकर लगातार काम जारी है. आधुनिक हथियारों, मिसाइल, हेलीकॉप्टर से लेकर बड़े युद्धपोतों को सेना में शामिल किया जा रहा है. भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को अभी कुछ दिन पहले ही भारतीय नौसेना को सौंपा गया है. विक्रांत की भव्य कमीशनिंग पर उत्साह अभी खत्म भी नहीं हुआ है और देश 11 सितंबर को भारतीय नौसेना (Indian Navy) के स्वदेशी स्टील्थ फ्रिगेट 'तारागिरी' (Taragiri) के लॉन्च का गवाह बनने के लिए तैयार है.
पिछले कुछ सालों में हथियारों और युद्धपोतों के 'खरीदार' से 'निर्माता' के रूप में परिवर्तन होने की भारत की छवि बन रही है. भारत में 1964 से अब तक 90 से अधिक छोटे से लेकर बड़े एयरक्राफ्ट कैरियर तक बनाए जा चुके हैं.
तारागिरी का निर्माण कार्य कब से है जारी?
भारतीय नौसेना के तीसरे स्टील्थ फ्रिगेट तारागिरी को प्रोजेक्ट 17ए के तहत तैयार किया जा रहा है. मुंबई स्थित मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) द्वारा इसे लॉन्च किया जाएगा. इस युद्धपोत में करीब 75 फीसदी स्वदेशी उपकरणों का इस्तेमाल किया जाएगा. तारागिरी को 10 सितंबर, 2020 से निर्माण किया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसकी डिलीवरी अगस्त 2025 तक होने की उम्मीद है.
युद्धपोत 'तारागिरी' की क्या है खासियत?
युद्धपोत 'तारागिरी' 3510 टन वजनी है. तारागिरी को भारतीय नौसेना के इन-हाउस ब्यूरो ऑफ़ नेवल डिज़ाइन की ओर से डिज़ाइन किया गया है.
149 मीटर लंबा और 17.8 मीटर चौड़ा ये जहाज दो गैस टर्बाइन और दो मुख्य डीजल इंजनों के संयोजन से संचालित होगा. इसकी गति 28 समुद्री मील (लगभग 52 किमी प्रति घंटे) से अधिक होगी. आईएनएस तारागिरी का डिस्प्लेसमेंट 6670 टन है. यह मैक्सिमम 59 किमी प्रतिघंटा की गति से समंदर की लहरों को चीरते हुए दौड़ सकता है. इस स्वदेशी युद्धपोत पर 35 अधिकारियों के साथ 150 लोग तैनात किए जा सकते हैं.
किन-किन हथियारों की हो सकती है तैनाती?
युद्धपोत 'तारागिरी' (Taragiri) पर एंटी एयर वॉरफेयर के लिए भविष्य में सर्फेस टू एयर में मार करने वाली 32 बराक 8 ईआर (Barak 8 ER) या फिर भारत का सीक्रेट हथियार VLSRSAM मिसाइलें तैनात की जा सकती हैं. इस पर ब्रह्मोस मिसाइल (Brahmos Missile) की भी तैनाती की जा सकती है. इस युद्धपोत में एंटी-सबमरीन वॉरफेयर के लिए 2 ट्रिपल टॉरपीडो ट्यूब्स हैं. हेलिकॉप्टर के लिए एनक्लोज्ड हैंगर भी हैं, जिसमें दो मल्टी रोल हेलीकॉप्टर रखे जा सकते हैं. इस युद्धपोत में एक 76 मिमी की ओटीओ (OTO) मेलारा नेवल गन के अलावा 2 एके-630 M CIWS गन लगाई जाएंगी.
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