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Defence Expo 2020: सुरक्षाबलों के लिए DRDO ने बनाई अनमैन्ड ग्राउंड व्हीकल, एक किलोमीटर दूर बैठकर होती है ऑपरेट
लखनऊ में चल रही रक्षा प्रदर्शनी में डीआरडीओ द्वारा बनाई गई अनमैन्ड ग्राउंड व्हीकल आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. डीआरडीओ ने ये कार खास तौर से सुरक्षाबलों के लिए तैयार की है. इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसे एक किलोमीटर दूर बैठकर भी चलाया जा सकता है.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एशिया की सबसे बड़ी रक्षा प्रदर्शनी, डिफेंस एक्सपो-2020 में देश विदेश के हथियारों की नुमाइश लगी है. राइफल से लेकर टैंक तोप और एंटी सैटेलाइट मिसाइल तक इस प्रदर्शनी का हिस्सा है. लेकिन इस प्रदर्शनी में एक बिना ड्राइवर वाली कार भी आकर्षण का केंद्र है, जो डीआरडीओ ने एंटी-टेरेरिस्ट ऑपरेशन्स के लिए देश के सुरक्षाबलों के लिए तैयार की है.
डीआरडीओ ने इस चालक-रहित कार को यूजीवी यानि अनमैन्ड ग्राउंड व्हीकल नाम दिया है. ये ठीक जमीन की यूएवी है. पैविलयन में इस खास यूजीवी को तैयार करनए वाले इंजीनियर अभिषेक दुबे ने एबीपी न्यूज को बताया कि देश के सुरक्षाबलों को आतंकवाद, उग्रवाद और नक्सलग्रस्त इलाकों में अपने ऑपरेशन्स करने होते हैं. ऐसे संवदेनशील क्षेत्रों में लैंड माइंस और आईईडी का खतरा बना रहता है. ऐसे में ये रिमोट-कंट्रोल कार जवानों की जान को बिना खतरे में डाले एक किलोमीटर दूर से ही ऑपरेट की जा सकती है. जिन इलाकों में लैंड माइंस का खतरा होता है वहां सुरक्षाबलों से आगे इस कार को आगे चला सकते हैं.
डीआरडीओ के मुताबिक, इस कार में रिमोट कंट्रोल नेविगेशन तो है ही जिससे चलते इसे दूर से बैठकर भी स्टेयरिंग चलाया जा सकता है, गियर चेंज कर सकते हैं और ब्रेक भी लगा सकते हैं. इसके साथ साथ इस यूजीवी में एक रडार लगाया गया है जो लैंड मांइस और आईईडी डिटेक्शन के लिए काम आता है.
इस यूजीवी को 40 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से दौड़ाया जा सकता है और इसकी ड्यूरेशन दो घंटे चलाने की है. फिलहाल, डीआरडीओ ने होंडा की एक कार पर अपनी इस यूजीवी तकनीक को टेस्ट किया है.
खुद डीआरडीओ की टीम ने एबीपी न्यूज की टीम के सामने इस कार का डेमो करके दिखाया. दिखाया कि कैसे दूर से बैठकर ही कार का स्टेयरिंग घुमाया जा सकता है, गेयर चेंज हो सकता है.
डीआरडीओ के पैवलियन पर इस यूजीवी के करीब ही एक और खास बख्तरबंद गाड़ी डिस्पले पर खड़ी की गई है जो भीड़ को नियंत्रित और तितरबितर में खासी कारगर साबित हो सकती है. ये लेज़र-डैजलर गाड़ी है. कश्मीर या देश के किसी दूसरे हिस्से में उग्र भीड़ को काबू करने के लिए इस गाड़ी पर लगी लेज़र गन का इस्तेमाल किया जाता है. इस लेजर गन से इंसान को 15 वॉट का झटका लगता है और आंखें कुछ देर के लिए चौंधिया जाती हैं. पुलिस और दूसरे सुरक्षाबलों को भीड़ पर गोली या पैलेट गन चलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
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