नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एशिया की सबसे बड़ी रक्षा प्रदर्शनी, डिफेंस-एक्सपो 2020 का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा, "आने वाले पांच सालों में भारत करीब 35 हजार करोड़ के रक्षा उत्पाद का एक्सपोर्ट करने का लक्ष्य रखता है." पीएम मोदी ने कहा, "मेक इन इंडिया सिर्फ भारत के लिए नहीं है बल्कि पूरी दुनिया के लिए है."
इस मौके पर बोलते हुए पीएम ने साफ तौर से कहा, "आजादी के बाद भारत की दुनिया में दूसरे सबसे बड़ी आबादी है, दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना है, इसके बावजूद भारत की विदेशों से हथियार खरीदने की नीति रही. इसका नतीजा ये हुआ कि भारत हथियारों का एक बड़ा आयातक देश बनकर रह गया, लेकिन भारत की रक्षा नीतियां पिछले पांच सालों से बदल रही हैं और निकट भविष्य में भारत 'नेट-इम्पोर्टर' की बजाए 'नेट-एक्सपोर्टर' बनेगा."
रोजगार के बढ़ेंगे अवसर
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "दुनिया में जब 21वीं सदी की चर्चा होती है तो स्वाभाविक रूप से भारत की तरफ ध्यान जाता है. आज का ये डिफेंस एक्सपो भारत की विशालता, उसकी व्यापकता, उसकी विविधता और विश्व में उसकी विस्तृत भागीदारी का सबूत है." पीएम मोदी ने कहा, "मेक इन इंडिया से भारत की सुरक्षा बढ़ेगी साथ ही डिफेंस सेक्टर में रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे."
2014 के बाद बढ़ा आयात
पीएम मोदी ने आगे कहा, "आज भारत में जंगी जहाज हों या पनडुब्बी, एयरक्राफ्ट कैरियर हो या तोप या लड़ाकू विमान सबका निर्माण हो रहा है. इसलिए साल 2014 में भारत का रक्षा क्षेत्र में जो आयात मात्र 2500 करोड़ था वो पिछले दो सालों में बढ़कर 17 हजार करोड़ हो गया है." उन्होनें कहा, "रक्षा क्षेत्र में एफडीआई यानि सीधे निवेश के जरिए हमें 20 हजार करोड़ मिला है."
आतंकवाद और साइबर थ्रेट पूरे विश्व के लिए एक बड़ी चुनौती
डिफेंस एक्सपो के ग्यारहवें संस्करण की थीम, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन इन डिफेंस पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, "टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल हो सकता है आतंकवाद में या फिर साईबर-क्षेत्र में जो पूरे विश्व के लिए एक बड़ी चुनौती हैं, लेकिन नई सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए दुनिया की तमाम डिफेंस फोर्सेस, नई टेक्नॉलॉजी को इवॉल्व कर रही हैं. भारत भी इससे अछूता नहीं है."
पीएम मोदी ने लिया हथियारों का टेस्ट
उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने डिफेंस एक्सपो में इंडियन-पैविलियन में हथियारों की प्रदर्शनी देखी. इस दौरान उन्होनें खुद एके-47 गन से सिम्युलेटर पर निशाना साधा. साथ ही एंटी-सैटेलाइट मिसाइल भी देखी. उसके बाद डिफेंस एक्सपो में पीएम मोदी और खास मेहमानों ने फ्लाईंग-डिस्पिले में लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर्स की ताकत देखी और टैंक और थलसेना की ताकत का नमूना भी देखा.
डिफेंस एक्सपो में हिस्सा ले रहीं 1028 कंपनी
इस बार डिफेंस एक्सपो में कुल 1028 कंपनिया हिस्सा ले रही हैं. जिसमें 172 विदेशी कंपनियां हैं. डेफएक्सपो में दुनियाभर के 70 देश हिस्सा ले रहे हैं. करीब 40 देशों के मंत्री इस बार डिफेंस एक्सपो में शिरकत कर रहे हैं. डिफेंस एक्सपो में सरकारी संस्था, डीआरडीओ और एचएएल मुख्य कंपनी के तौर पर हिस्सा ले रही हैं और सबसे ज्यादा हथियार, लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर और दूसरे सैन्य साजो सामान इन दोनों के ही हैं. डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) की तरफ से पांच सौ टैक्टिकल और स्ट्रेटेजिक हथियारों को प्रदर्शित किया जाएगा. डीआरडीओ की तरफ से इस बार एंटी-सैटेलाइट मिसाइल, एसैट, को दुनिया के सामने प्रदर्शित किया जाएगा. इसके अलावा ब्रह्मोस मिसाइल, अटैग तोप, पिनाका रॉकेट लांचर, अर्जुन टैंक, रूस्तम ड्रोन, सीबीआरएन (कैमिकल बायोलोजिकल, रैडियोलोजिकल और न्युक्लिर) गियर-सूट, लेजर फैंस इत्यादि मुख्य आकर्षण है.
हिंदुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड यानि एचएएल की तरफ से पहली बार डिफेंस एक्सपो के टर्मेक पर एलसीए-मार्क2 फाइटर जेट दिखाई देगा. ये लड़ाकू विमान तेजस का एडवांस वर्जन है और फिलहाल एचएएल की बेंगलुरू स्थित फैसेलिटी में बन रहा है. इसके अलावा फ्लाईंग-डिस्पले में सुखोई, एलसीए-तेजस, लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर (एलसीएच), लाइट यूटीलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच) और डोरनियर एयरक्राफ्ट दिखाई देंगे. एलसीएच और एलयूएच अभी तक वायुसेना में शामिल नहीं हुए हैं.
फ्रांस और अमेरिका की कंपनी भी कर रहीं शिरकत
इसके अलावा रफाल फाइटर जेट की मिटयोर और स्कैल्प मिसाइल तैयार करने वाली यूरोपियन कंपनी, एमबीडीए भी डिफेंस एक्सपो में अपनी मिसाइल की प्रदर्शनी करने वाली है. इस बार के डिफेंस एक्सपो के थीम, 'डिजिटल ट्रांसफोर्मेशन ऑफ डिफेंस' के तर्ज पर फ्रांसीसी कंपनी, थेलस भी आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस और डिजिटाईजेशन पर जोर देते हुए लखनऊ पहुंच रही है. दूसरी बड़ी विदेशी कंपनी और एवियिशन की दुनिया में बड़ा नाम, एयरबस भी डेफएक्सपो में शिरकत कर रही है. इसके अलावा अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन, बोइंग और बीएई भी लखनऊ पहुंची हैं.
हर बार की तरह रशिया की कंपनियों का भी डिफेंस एक्सपो में बोलबाला रहने वाला है. कामोव हेलीकॉप्टर बनाने वाली, 'रशियन हेलीकॉप्टर्स' भी डिफेंस एक्सपो में हिस्सा ले रही है. हाल ही में एलएंडटी के साथ मिलकर के नौ वज्र तोप बनाने वाली दक्षिण कोरियाई कंपनी, हेनवा भी डिफेंस एक्सपो में अपनी मौजूदगी मजबूती से दर्ज करा रही हैं.
पहली बार हो रहा आयोजन
इस बार फ्रांस, यूएस, रशिया और दक्षिण कोरिया के साथ भारत रक्षा क्षेत्र में सहयोग को लेकर डिफेंस एक्सपो के दौरान विशेष तौर से बैठक और सेमिनार का आयोजन कर रहा है. अफ्रीकी देशों के साथ पहली बार भारत में इस दौरान एक खास बैठक का आयोजन किया गया है. पांच दिन चलने वाले डिफेंस एक्सपो में करीब 500 बीटूबी यानि बिजेनस मीटिंग होने वाली हैं. इस दौरान कई अहम एमओयू पर हस्ताक्षर होने जा रहे हैं.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रहे मौजूद
डिफेंस एक्सपो के उद्घाटन के दौरान देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद थे. इस, मौके पर करीब 60 देशों के रक्षा मंत्री, वरिष्ठ सैन्य अधिकारी, डिफेंस अटैचे और राजनियक भी मौजूद थे.
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