कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया खारिज
निर्मला सीतारमण के मुताबिक, यदि सेना मानवाधिकारों का हनन कर रही होती तो शहीद जवान औरंगजेब के परिवारवाले सेना में शामिल होने की बात नहीं करते.
नई दिल्ली: कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन पर संयुक्त राष्ट्र की भारत विरोधी रिपोर्ट को एक सिरे से खारिज करते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ये रिपोर्ट कश्मीर की वास्तविक परिस्थितियों से बेहद परे है. बल्कि इस रिपोर्ट को कहीं और बैठकर अपने-अनुसार तैयार किया गया है. रक्षा मंत्री ने दावा किया कि भारत की सेना पत्थरबाजों के खिलाफ बेहद संयम से कार्यवाही करती है.
रक्षा मंत्री के मुताबिक, अगर एक-दो घटनाओं को छोड़ दें तो भारत के सशस्त्रबलों का रिकॉर्ड कश्मीर में काफी सही रहा है. सेना वहां बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाने से लेकर बच्चों की स्कूलिंग समेत तमाम सामाजिक गतिविधियां चलाती है.
निर्मला सीतारमण के मुताबिक, यदि सेना मानवाधिकारों का हनन कर रही होती तो शहीद जवान औरंगजेब के परिवारवाले सेना में शामिल होने की बात नहीं करते. साथ ही इतने सारे कश्मीरी युवा सेना में भर्ती होने के लिये आगे नहीं आते.
आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले संयुक्त राष्ट्र मानवधिकार आयोग ने कश्मीर पर एक रिपोर्ट पेश की थी जिसमें भारतीय सेना द्वारा पत्थरबाजों पर की जा रही कड़ी कार्यवाही की आलोचना की थी. इसी रिपोर्ट का हवाला देते हुए आज ही संयुक्त राष्ट्र महासचिव की तल्ख़ टिप्पणी भी सामने आई है.
राजधानी दिल्ली में आज चुनिंदा मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि कश्मीर में पीडीपी की पार्टी तोड़ने वाली बातें बेबुनियाद है. उन्होनें कहा कि हम गठबंधन से ज़रूर हट गये हैं लेकिन पीडीपी को तोड़ने की बात ग़लत है. एबीपी न्यूज भी इस प्रेस वार्ता में मौजूद था.
कश्मीर में युवाओं के आतंकवाद का रास्ता अपनाने के चलन के सवाल पर निर्मला सीतारमण ने कहा कि कश्मीर में युवाओं का आतंकवाद का रास्ता अपनाना 'अलार्मिंग' नहीं है और इसको मैनेज किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि हम इस पर ध्यान दे रहे हैं कि युवाओं को ऐसा करने की प्रेरणा कहां से मिल रही है. सीमापार से आने वाले आतंकवादियों को वहीं ख़त्म करने पर ज़ोर दिया जा रहा है.
यह पूछे जाने पर कि कश्मीर में राज्यपाल शासन लगने के बाद से उन्होंने सुरक्षा बलों को क्या निर्देश दिये हैं, रक्षा मंत्री ने कहा कि राज्यपाल शासन के बाद से उन्होंने सुरक्षा बलों को कुछ नया नहीं बताया है. निर्मला सीतारमण ने कहा कि सेना को जो करना है उसका राज्यपाल का शासन लगने से कोई संबंध नहीं है.