नई दिल्ली: रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने डोकलाम गतिरोध और पूर्वोत्तर क्षेत्र में उग्रवाद पर लगाम लगाने जैसी चुनौतियों से पेशेवर तरीके से निपटने के लिए मंगलवार को सेना की प्रशंसा की. सेना के शीर्ष कमांडरों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सेना की क्षमता बढ़ाने पर सरकार का ध्यान है. उन्होंने सामरिक आधारभूत संरचनाओं में सुधार पर नजर रखने का वादा किया.
सेना ने बयान जारी कर कहा, ‘‘उन्होंने डोकलाम गतिरोध, प्राकृतिक आपदा के समय काम करने और पूर्वोत्तर में उग्रवाद पर नियंत्रण रखने जैसी घटनाओं में पेशेवर रूख कायम रखने के लिए भारतीय सेना की प्रशंसा की.’’ कमांडरों के हफ्ते भर चलने वाले सम्मेलन के दूसरे दिन सेना के शीर्ष अधिकारियों ने कई मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया. इसमें चीन और पाकिस्तान की सीमा पर रक्षा चुनौतियां शामिल हैं.
रक्षा मंत्री ने अपने आधे घंटे के संबोधन में अग्रिम इलाकों के अपने दौरे का भी जिक्र किया और सैनिकों के साथ बैठक को आंखें खोलने वाली बैठक करार दिया. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण का स्वागत करते हुए सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कमांडरों को रक्षा मंत्री के सियाचिन सहित अग्रिम चौकियों के गहन दौरे के बारे में बताया.
सेना ने बयान जारी कर कहा, ‘‘उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि सीतारमण पूर्वोत्तर के सीमावर्ती इलाकों और तिब्बत के सीमा क्षेत्रों में काफी घूम चुकी हैं.’’ तिब्बत सीमा के पास रक्षा मंत्री के दौरे के रावत के बयान के बारे में पूछे जाने पर सेना के प्रवक्ता ने बाद में स्पष्ट किया कि रक्षा मंत्री बनने से पहले वह तिब्ब्त का दौरा कर चुकी हैं.
रक्षा मंत्री ने शनिवार को सिक्किम के नाथू ला सहित चीन-भारत सीमा के पास अग्रिम इलाकों का दौरा किया था. रक्षा मंत्री ने कहा कि सेना का आधुनिकीकरण सरकार की प्राथमिकता है. इसकी सामरिक क्षमता को मजबूत करने के लिए इसकी सभी खामियों को दूर किया जाएगा.