भारत-चीन सीमा विवाद: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने LAC पर सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए
गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के भारतीय जवानों के साथ हिंसक झड़प के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने LAC पर सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए.
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के भारतीय जवानों के साथ हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर की बातचीत को रोक दिया गया है. इसके साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नियंत्रण रेखा पर हालात की समीक्षा की. राजनाथ सिंह ने LAC पर सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश भी दिए.
रक्षा मंत्री ने तीनों सेनाओं के प्रमुख के साथ की बैठक
सूत्रों की मानें तो रक्षा मंत्री ने तीनों सेना प्रमुखों (सेना, नौसेना और वायु सेना) और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के साथ बैठक की. इसके साथ ही राजनाथ ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी मौजूदा हालातों पर बातचीत की. सूत्रों के मुताबिक, LAC पर सेना की मूवमेंट बढ़ गई है. साथ ही भारत-चीन सीमा पर ITBP जवानों की और टुकड़ियां भी भेजी गई हैं.
देश जवानों की बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा- राजनाथ
रक्षा मंत्री ने ट्वीट कर कहा, 'गलवान में सैनिकों की शहादत परेशान करने वाली है. हमारे सैनिकों ने वीरता का प्रदर्शन किया और भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपराओं में अपने जीवन का बलिदान दिया. देश उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेगा. देश इस कठिन घड़ी में शहीद जवानों के परिवार वालों के साथ खड़ा है.'
सोमवार को हुई थी झड़प
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पू्र्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून की रात को चीनी सैनिकों और भारतीय जवानों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इस झड़प में एक कर्नल समेत भारत के 20 जवान शहीद हुए थे. वहीं चीन के भी 43 सैनिक इसमें हताहत हुए थे.
देशभर में चीन के खिलाफ हो रहे हैं विरोध प्रदर्शन
चीन की इस हरकत के बाद देशभर में चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. कई जगहों पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के पुतले जलाए गए. इसके साथ ही चीन मुर्दाबाद के नारे भी लगाए गए. वहीं कई जगहों पर धोखेबाज चीन के पोस्टर लहराए और जलाए भी गए. मध्य प्रदेश में संस्कृति बचाओ मंच ने चीनी राष्ट्रपति, चीन के झंडे और चाइनीज़ मोबाइल की होली जलाई.
यह भी पढ़ें-
CAIT ने चीनी सामानों के बहिष्कार का किया आह्वान, 2021 तक 13 अरब डॉलर का आयात घटाने का लक्ष्य
India China Faceoff: 45 साल में पहली बार हुआ, जब भारत-चीन की झड़प में सैनिकों का खून बहा