नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज तीनों सेनाओं को कोविड-19 महामारी के समय में भी अपनी ऑपरेशनल तैयारियों को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. रक्षा मंत्री ने कहा कि दुश्मन किसी कीमत पर कोरोना वायरस जैसी प्रतिकूल परिस्थितियों में भी किसी भी तरह का फायदा ना उठा पाए.


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरूवार को तीनों सेनाओं (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) के सभी वरिष्ट सैन्य कमांडर्स के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की. इस सम्मेलन का उद्देश्य कोरोना वायरस से लड़ने के साथ साथ युद्धक क्षमताओं की समीक्षा करना था. राजधानी दिल्ली के साउथ ब्लॉक स्थित रक्षा मंत्रालय से की गई इस वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, थलसेना प्रमुख, जनरल एम एम नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और वायुसेना प्रमुख आर के एस भदौरिया के साथ साथ रक्षा सचिव अजय कुमार भी मौजूद थे.


कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते 22 और 23 अप्रैल को राजधानी दिल्ली में होने वाले एकीकृत कमांडर्स कांफ्रेंस को स्थिगत कर दिया गया था. इसीलिए गुरूवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग की गई.


इस सम्मेलन में थलसेना की उत्तरी कमान (उधमपुर), पूर्वी कमान (कोलकता), मध्य कमान (लखनऊ), दक्षिणी कमान (पुणे), दक्षिण-पश्चिमी कमान (जयपुर) के कमांडर्स के साथ साथ वायुसेना की पश्चिमी कमान (दिल्ली), पूर्वी कमान (शिलांग), मध्य कमान (लखनऊ), दक्षिणी कमान (त्रिवेंद्रम), दक्षिण-पश्चिम कमान (गांधीनगर), नौसेना की कोच्चि, मुंबई और विशाखापट्टनम स्थित तीनों कमानों के कमांडर्स सहित अंडमान निकोबार कमान (ट्राई-सर्विस) के प्रमुख भी मौजूद थे.


पाकिस्तान की तरफ से लगातार हो रहे युद्धविराम उल्लंघन का मुंहतोड़ जवाब दे रही है सेना


आपको बता दें कि जहां सेनाएं एक तरफ कोरोना वायरस से लड़ रही हैं वहीं दुश्मन के इरादों को भी नाकाम कर रही हैं. पाकिस्तान की तरफ से लगातार हो रहे युद्धविराम उल्लंघन का उत्तरी कमान मुंहतोड़ जवाब दे रही हैं.


गुरूवार को जब रक्षा मंत्री ये बैठक कर रहे थे उस वक्त भी नौसेरा सेक्टर में पाकिस्तानी सेना की तरफ से सीजफायर का उल्लंघन हुआ जिसका भारतीय सेना ने करार जवाब दिया. एलओसी पर फायरिंग की आड़ में पाकिस्तानी सेना आतंकियों को भारतीय सीमा में घुसपैठ कराने की फिराक में है. हाल ही में केरन सेक्टर में भारतीय सेना ने पांच आतंकियों को ढेर किया था. हालांकि इस ऑपरेशन में भारतीय सेना के पांच पैरा-एसएफ कमांडो भी मारे गए थे.


बीआरओ चीन और पाकिस्तानी सीमा पर बना रही है सामरिक महत्व के पुल


इसके अलावा बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) कोरोना वायरस के समय में भी सरहद से सटे इलाकों में सामिरक महत्व के पुल इत्यादि बनाने में जुटा है. हाल ही में उत्तरी सिक्किम के लाचेन में बीआरओ ने तीस्ता नदी पर एक 360 फीट लंबा बैली पुल बनाया जिसपर जरूरत पड़ने पर तोप को भी पार कराया जा सकता है. ये इलाका चीन सीमा के बेहद करीब है. डोकलम विवाद के दौरान इस क्षेत्र में भारतीय सेना को अपने टैंक और आईसीवी व्हीकल ले जाने में काफी दिक्कत आई थी. साथ ही पिछले कुछ दिनों में बीआरओ ने चीन सीमा से ही सटे अरूणाचल प्रदेश के ऊपरी-सुबाहंसरी में एक पुल तैयार किया. इसी तरह से पंजाब के कोसोवाल इलाके में पाकिस्तानी सीमा के करीब भी बीआरओ ने रावी नदी पर एक 484 मीटर लंबा पुल तैयार किया.


भारतीय नौसेना भी हिंद महासागर में पूरी तरह से ऑपरेशन्ली तैनात है. कोरोना वायरस के दौरान भी लगातार खबरें आ रही हैं कि चीनी नौसेना हिंद महासागर में लगातार अपनी तैनाती बढ़ा रही है.


रक्षा बजट को सावधानी से खर्च करें और अनावश्यक खर्चों को रोका जाए


रक्षा मंत्री ने सम्मेलन में देश के कोने से कोने से शामिल हुए जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (जीओसी-इन-सी) को आदेश दिया कि कोविड-19 महामारी से हो रहे आर्थिक-बोझ को देखते हुए रक्षा बजट को सावधानी से खर्च करें और अनावश्यक खर्चों को रोका जाए. रक्षा मंत्री ने लॉकडाउन के बाद तीनों सेनाओं को संयुक्त रूप से काम करने पर भी जोर दिया ताकि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में मदद मिल सके.


राजनाथ सिंह ने इस दौरान सशस्त्र सेनाओं द्वारा कोरोना वायरस से लड़ने के लिए की गई तैयारियों और स्थानीय नागरिक प्रशासन को दी जाने वाली सहायता के लिए सभी सैन्य कमांडर्स की प्रशंसा की.


सैन्य कमांडर्स ने भी रक्षा मंत्रालय द्वारा हाल ही में इमरजेंसी फाइनेंशियल पॉवर्स को बढ़ाए जाने के लिए सरकार का धन्यवाद दिया, जिसके चलते अस्पतालों की स्वास्थय संरचना को मजबूत करने के लिए जरूरी मेडिकल इक्यूपमेंट समय पर खरीदें जा सके. उन्होनें जानकारी दी कि जो भी आईसोलेशन या फिर कोरांटीन (क्वारंटीन) सेंटर सेनाओं ने बनाए हैं जरूरत पड़ने पर उनमें स्थानीय नागरिकों को भी रखा जा सकता है. कमांडर्स ने भरोसा दिलाया कि सिविल एडमिनिस्ट्रेशन को जरूरत हुई तो सेनाएं जरूरी-सेवाएं प्रदान करने में भी मदद कर सकती है.


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