नई दिल्ली: लॉकडाउन के बाद सेनाओं को हथियारों की सप्लाई किस तरह पूरी होगी इसके लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी डिफेंस पीएसयू और ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बॉर्ड (ओएफबी) को ‘कंटिनजेंसी प्लान’ तैयार करने का निर्देश दिया है. साथ ही लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था को मंदी से उबारने के लिए भी रक्षा क्षेत्र की कंपनियों को तैयार रहने का आदेश दिया गया है.


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को सभी डिफेंस पीएसयू यानि पब्लिक सेक्टर कंपनियां (डीपीएसयू) और ओएफबी के वरिष्ठ अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक की. इस दौरान रक्षा सचिव (उत्पादन) भी मीटिंग में मौजूद थे.


बैठक में रक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस प्लान का जिक्र किया जिसमें लॉकडाउन के बाद सरकारी और प्राईवेट कंपनियों पर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की जिम्मेदारी होगी. साथ ही राजनाथ सिंह ने लॉकडाउन के दौरान डिफेंस सेक्टर की कंपनियों और ओएफबी के प्लांट में काम बंद होने पर चर्चा की. रक्षा मंत्री ने साफ तौर से कंपनियों के बड़े अधिकारियों को हथियारों और दूसरे सैन्य साजो सामान की सप्लाई पूरा करने का निर्देश दिया, क्योंकि लॉकडाउन के चलते सभी प्लांट और फैक्ट्रियां बंद है और सेनाओं (थलसेना, वायुसेना, नौसेना) को हथियारों की सप्लाई बंद है. साथ ही जो प्लांट चल रहे हैं उनमें कोविड-19 से लड़ने के लिए जरूरी सैनेटाइजर, ग्लब्स, मास्क, पीपीई किट, वेंटिलेटर और दूसरे उपरकरण बनाए जा रहे हैं. ऐसे में रक्षा क्षेत्र के उपक्रमों पर हथियारों के सप्लाई की डेडलाइन का दवाब रहेगा.


हालांकि, मीटिंग के दौरान जानकारी दी गई कि जो डिफेंस पीएसयू रेड-जोन से बाहर हैं वहां पर काम शुरू कर दिया गया है. साथ ही सभी डीपीएसयू में कंटेनजेंसी प्लान तैयार कर लिया गया है. इसके तहत लॉकडाउन के बाद तीन शिफ्ट में काम किया जाएगा (अभी दो शिफ्ट में काम होता है). हफ्ते में पांच दिन की बजाए सभी कर्मचारी छह दिन काम करेंगे. लॉकडाउन के बाद भी सोशल-डिस्टेंशिंग और सभी हेल्थ-गाइडलाइंस का पालन किया जाएगा.


मीटिंग में जानकारी दी गई कि देशभर में फैले ओएफबी के किसी भी 41 प्लांट में कोविड-19 का कोई मामला अभी तक सामने नहीं आया है. साथ ही रक्षा मंत्री ने ओएफबी और डीपीएसयू द्वारा पीएम-केयर फंड के लिए सीएसआर के तहत दिए 77 करोड़ रूपये और सभी कर्मचरियों द्वारा एक दिन की सैलरी दान देने की प्रशंसा की. माना जा रहा है कि जल्द ही कुछ और सहयोग राशि भी इस महीने दी जा सकती है.


बैठक में ओएफबी के अधिकारियों के अलावा, एचएएल, बीईएल, एमडीएल, बीडीएल, जीआरएसई, गोवा शिपयार्ड सहित सभी रक्षा क्षेत्र की सरकारी कंपनियों के अधिकारी मौजूद रहे.


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