सांप्रदायिक राजनीति पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह बोले- मुसलमान जिगर का टुकड़ा है
राजनाथ सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने शुरुआत से ही मुस्लिम नागरिकों के अंदर डर हटाने की कोशिश की है.रक्षामंत्री ने कहा कि पीएम मोदी ने शुरुआत से ही 'सबका साथ, सबका विकास' का नारा दिया है.
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा का जिक्र करते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मुसलमान जिगर का टुकड़ा है और सांप्रदायिक राजनीति का सवाल ही पैदा नहीं होता. रक्षा मंत्री ने इस धारणा को खारिज किया कि मोदी सरकार धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ है. उन्होंने मेरठ और मेंगलुरु में अपनी दो मेगा रैलियों का जिक्र करते हुए कहा, "मैंने पहले भी अपनी मेरठ और मेंगलुरु की रैलियों में कहा है कि मुसलमान भारत का नागरिक और हमारा भाई है. वह हमारे जिगर का टुकड़ा है." सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सरकार ने शुरुआत से ही मुस्लिम नागरिकों के अंदर डर हटाने और उनमें आत्मविश्वास भरने की कोशिश की है.
रक्षामंत्री ने कहा, "कुछ ताकतें हैं, जो उन्हें गुमराह कर रही हैं. लेकिन बीजेपी किसी भी स्थिति में भारत के अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं जा सकती. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरुआत से ही 'सबका साथ, सबका विकास' का नारा दिया है." उन्होंने कहा, "जाति, धर्म और रंग के आधार पर भेदभाव का कोई सवाल ही नहीं उठता. हम इसके बारे में सोच भी नहीं सकते." सांप्रदायिक राजनीति के लिए निहित स्वार्थ को जिम्मेदार ठहराते हुए सिंह ने कहा, "कुछ ताकतें हैं, जो केवल वोट बैंक के बारे में ही सोचती हैं." सांप्रदायिक राजनीति के लिए नेताओं को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा, "राजनीति महज वोटों के लिए नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण करने के लिए करनी चाहिए."
रक्षामंत्री ने कहा कि यहां तक कि जो हिंदुत्व की विचारधारा में विश्वास करते हैं, वे भी पहचान के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकते, क्योंकि हिंदुत्व का मतलब ही 'वसुधैव कुटुंबकम (दुनिया एक परिवार है)' है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसके अलावा कहा कि वह जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों के नजरबंदी से जल्द रिहा होने की प्रार्थना कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि वे कश्मीर में हालात को सामान्य बनाने में योगदान देंगे.
मोदी सरकार द्वारा पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को हटा दिया गया था, जिसके बाद राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया. इसी समय से एहतियात के तौर पर जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों नेशनल कॉन्फ्रेंस से फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और पीडीपी से महबूबा मुफ्ती सहित दर्जनों राजनेताओं को नजरबंद कर दिया गया था.
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