Defence Minister Rajnath Singh: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने शनिवार को जोर देते हुए कहा कि थल सेना (Indian Army) देश को बुरी मंशा से देखने वाली किसी भी ताकत का जवाब देने की क्षमता रखती है और अब चीन (China) के साथ संवाद समानता के आधार पर किया जाता है.
राजनाथ सिंह ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मौजूदगी में पंडित दीनदयाल उपाध्याय पर पांच खंडों की एक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में यह टिप्पणी की. रक्षा मंत्री ने कहा कि चीन ने जब 1964 में प्रथम परमाणु परीक्षण किया था, तब उपाध्याय पहले व्यक्ति थे जिन्होंने भारत के अपना परमाणु परीक्षण करने का समर्थन किया था.
राजनाथ ने किया अटल बिहारी बाजपेयी का जिक्र
उन्होंने कहा कि भारत ने जब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में 1998 में राजस्थान में अपना परमाणु परीक्षण किया, इसका उद्देश्य (परमाणु) प्रतिरोधी क्षमता रखने का था. उन्होंने कहा कि इस प्रतिरोधी क्षमता के कारण भारतीय थल सेना आज आत्म रक्षा करने के प्रति पूरी तरह आश्वस्त है. आज, 2022 में भारत की सेना चीन के साथ समानता के आधार पर संवाद कर रही है.
दीनदयाल उपाध्याय के सपनों को करेंगे पूरा
राजनाथ सिंह ने कहा कि देश का लक्ष्य महज अपनी जरूरत के लिए उपकरण निर्मित करने का नहीं, बल्कि अन्य देशों को रक्षा उपकरणों का निर्यात करने का भी है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं कह सकता हूं कि हम पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सपनों को पूरा करने की दिशा में बढ़ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने 310 रक्षा उपकरणों की तीन स्वदेशीकरण सूची जारी की है. इन उपकरणों को एक समय सीमा के बाद किसी भी परिस्थिति में बाहर से नहीं खरीदा जाएगा. ये सभी उपकरण भारत में निर्मित किये जाएंगे.
मेक इन इंडिया के लिए क्या बोले राजनाथ?
राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कार्यक्रम में कहा आप यह जानकर खुश होंगे कि हमने सिर्फ घरेलू विक्रेताओं (Domestic Sellers) से खरीददारी के लिए अपने बजट का एक बड़ा हिस्सा रखा है. उल्लेखनीय है कि 18 मई 1974 को भारत ने राजस्थान (Rajasthan) में पहला परमाणु परीक्षण (Pkharan Nuclear Test) किया था.
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