Rajnath Singh News: कांग्रेस समेत विपक्षी दल आरोप लगा रहे हैं कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोबारा सत्ता में आते हैं तो देश में तानाशाही लागू कर दी जाएगी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मुद्दे पर जबाव देते हुए विपक्ष पर निशाना साधा है. उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के जरिए लागू की गई इमरजेंसी के दौरान हुई अपनी गिरफ्तारी को याद किया और कहा कि उस समय उन्हें अपनी मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पैरोल तक नहीं मिली थी.
राजनाथ सिंह ने बताया कि वह 16 महीनों तक जेल में थे और उन्हें अपनी मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पैरोल देने से मना कर दिया गया था. बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि उन्हें इमरजेंसी के खिलाफ आवाज उठाने पर नैनी सेंट्रल जेल में बंद कर दिया गया था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के समय 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक इमरजेंसी लागू की गई थी. ये इमरजेंसी पूरे 21 महीने तक लागू रही थी.
कांग्रेस ने लागू की थी तानाशाही: राजनाथ सिंह
दिल्ली के सरिता विहार में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, "मैं 24 साल का था, जब मुझे इमरजेंसी के खिलाफ आवाज उठाने के लिए जेल में डाल दिया गया था. मुझे 16 महीने तक नैनी सेंट्रल जेल में रखा गया था." रक्षा मंत्री ने आगे बताया, "उस समय सभी लोकतांत्रिक प्रावधानों को रोक दिया गया था और उन्होंने (कांग्रेस) तानाशाही लागू की थी. मेरी मां की मृत्यु हो गई, लेकिन फिर भी उन्होंने मुझे पैरोल नहीं दी."
विपक्षी नेताओं को जेल में बंद किया जा रहा: अरविंद केजरीवाल
पिछले हफ्ते आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि हमारे देश में तानाशाही चल रही है, जो बिल्कुल भी स्वीकार करने योग्य नहीं है. भारत ने पिछले 75 सालों में इस तरह के हालात कभी नहीं देखे थे. विपक्ष के नेताओं को जेल में डाला जा रहा है. कांग्रेस के नेता भी लगातार ये कह रहे हैं कि बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार विपक्षी दलों के नेताओं को निशाना बना रही है.
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