आज LoC का दौरा करेंगे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, किए बाबा बर्फानी के दर्शन
पांच मई को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध के बाद रक्षा मंत्री की लद्दाख-जम्मू-कश्मीर की पहली यात्रा है. कल राजनाथ सिंह लद्दाख क्षेत्र में चीन के साथ विवादपूर्ण सीमा क्षेत्रों का जायजा ले चुके हैं.
नई दिल्ली: लद्दाख में सीमा सुरक्षा का जायजा लेने के बाद आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान सीमा पर नियंत्रण रेखा पर स्थिति की समीक्षा करेंगे. फिलहाल राजनाथ सिंह अमरनाथ यात्रा पर पहुंचे, रक्षा मंत्री ने अमरनाथ की पवित्र गुफा के दर्शन किए और वहां पूजा अर्चना की.सिंह ने मंदिर परिसर में करीब एक घंटा बिताया. अमरनाथ गुफा को हिंदू धर्म के पवित्रतम धर्म स्थलों में से एक माना जाता है और हर साल हजारों श्रद्धालु यहां तीर्थयात्रा पर आते हैं.
कल राजनाथ सिंह पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीन के साथ विवादपूर्ण सीमा क्षेत्रों में सैन्य तैयारियों का जायजा लेने व जमीनी स्थिति की समीक्षा करने पहुंचे थे.राजनाथ सिंह ने वहां सैनिकों के साथ बातचीत भी की और सेना की ऑपरेशनल तत्परता की जानकारी ली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और थलसेना प्रमुख, जनरल एम एम नरवणे भी मौजूद रहे. सभी ने सुरक्षा व्यवस्था का जायज़ा लिया.
भारत की एक इंच जमीन पर कोई कब्जा तो दूर, छू भी नहीं सकता चीन से सटी एलएसी पर ऐलान किया कि भारत की एक इंच जमीन पर कोई कब्जा तो दूर, छू भी नहीं सकता. राजनाथ सिंह आज एक दिन के दौरे पर लेह-लद्दाख पहुंचे थे, और उन्होनें पैंगोंग लेक पर भारतीय सेना की फॉरवर्ड पोस्ट से शंखनाद किया कि अगर भारत के स्वाभिमान को चोट पहुंचाने की कोशिश की गई तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. इस दौरान उन्होंने थलसेना और वायुसेना की ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा भी लिया.
रक्षा मंत्री ने पैंगोंग-लेक से सटे लुकुंग बेस पर सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि, "जो कुछ भी अब तक (भारत और चीन के बीच) बातचीत की प्रगति हुई है, उससे मामला हल होना चाहिए. कहां तक हल होगा इसकी गारंटी नहीं दे सकता. लेकिन इतना यक़ीन मैं ज़रूर दिलाना चाहता हूं कि भारत की एक इंच ज़मीन भी दुनिया की कोई ताक़त छू नहीं सकती, उस पर कोई कब्ज़ा नहीं कर सकता." आपको बता दें कि लुकुंग से फिंगर-4 की दूरी करीब 40 किलोमीटर है (43), जहां मई के महीने से भारत और चीन की सेनाओं के बीच टकराव चल रहा है और 5-6 मई को झगड़ा भी हुआ था.
कल सुबह 8 बजे लेह एयरबेस पहुंचे थे राजनाथ सिंह सुबह करीब 8 बजे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह राजधानी दिल्ली से लेह एयरबेस पहुंचे. लेह एयरबेस से रक्षा मंत्री हेलीकॉप्टर के जरिए सीधे 25 किलोमीटर दूर स्टकना बेस पहुंचे. उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे और उत्तरी कमान के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी भी थे. वहां पर उनकी आगुवानी लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने की.
थलसेना और वायुसेना ने किया युद्ध कौशल का प्रदर्शन
स्टकना में रक्षा मंत्री की मौजूदगी में थलसेना और वायुसेना ने अपनी ताकत का परिचय दिया. इस बिहाइंड द एनेमी लाइंस' मिलिट्री-ड्रिल में थलसेना के स्पेशल फोर्स के पैरा-एसएफ कमांडोज़ ने वायुसेना के एन32 एयरक्राफ्ट से पैरा-जंप लगाकर दुश्मन की सीमा में घुसकर हमला बोलने का अभ्यास किया. पैरा-एसएफ के हमले के तुरंत बाद वायुसेना के अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर्स से दुश्मन के महत्वपूर्ण ठिकाने पर हमला बोला जाता है. साथ ही टैंक और बीएमपी व्हीकल्स से आर्मर्ड-अटैक कर दुश्मन की सीमा पर अधिकार कर लिया जाता है.
रक्षा मंत्री ने खुद ली हथियारों की जानकारी इस सैन्य-अभ्यास के दौरान रक्षा मंत्री ने खुद सैनिकों के हथियारों के बारे में जानकारी ली. उन्होनें खुद थलसेना की 'पीका' मशीन गन को उठाया. उन्होनें पैराएसफ कमांडोज़ की स्नाइपर राइफल के बारे में भी जाना, जो फिनलैंड से ली गई है ( 'साको-टीआरजी 42'). कमांडोज़ के अमेरिका से लिए गए बैलेस्टिक हेलमेट को भी देखा.
लद्दाख से सटी एलएसी पर जारी है पिछले ढाई महीने से तनाव आपको बता दें कि पिछले ढाई महीने से पूर्वी लद्दाख से सटी लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल यानि एलएसी पर भारत और चीन के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है. 15-16 जून की रात को गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प भी हुई थी जिसमें भारत के 20 सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए थे. चीनी सेना को भी इस लड़ाई में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था, हालांकि चीन ने अपने नुकसान का आधिकारिक तौर से अभी तक खुलासा नहीं किया है.
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