रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज सीडीएस जनरल बिपिन रावत, थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे और डीआईए चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल के जे एस ढिल्लन के साथ राजधानी दिल्ली स्थित बांग्लादेश के उच्चायोग पहुंचकर बांग्लादेश के आर्म्ड फोर्सेस डे में शामिल हुए. इस दौरान खुद राजनाथ सिंह ने बांग्लादेश के उच्चायुक्त और डिफेंस अटैचे के साथ मिलकर केक काटा.
बांग्लादेश उच्चायोग में अपने संबोधन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत हमेशा बांग्लादेश के साथ रक्षा और सुरक्षा मामलों पर सहयोग करता रहेगा. उन्होनें कहा कि भारत अपने पड़ोसी देशों की सुरक्षा को लेकर संवेदनशील रहा है. ऐसे में भारत भी अपने पड़ोसी देशों से ऐसे ही व्यवहार की अपेक्षा करता है.
हथियार खरीदने के लिए दिए इतने यूएड डॉलर की क्रेडिट-लाइन
रक्षा मंत्री ने कहा कि हथियार खरीदने के लिए भारत ने बांग्लादेश को 500 मिलियन यूएस डॉलर की क्रेडिट-लाइन भी दी है. उन्होनें कहा कि बांग्लादेश में करीब 10 बिलियन यूएस डॉलर के विकास कार्यों के भारत की भागीदारी है.
अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने 1971 के युद्ध और बांग्लादेश की आजादी में भारतीय सेना की भूमिका पर विस्तृत चर्चा की. उन्होनें कि 1971 में भारत गरीबी से जूझ रहा था इसके बावजूद भारत ने मुक्ति-वाहिनी के साथ मिलकर पाकिस्तान से 13 दिनों तक युद्ध लड़ा और बांग्लादेश (उस वक्त पूर्वी पाकिस्तान) को पाकिस्तान के अत्याचार से मुक्त किया.
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