यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे तनाव के दौरान सोमवार देर शाम रूस ने यूक्रेन के दो प्रांतों लुहांस्क-डोनेस्टक को स्वतंत्र देश घोषित कर दिया है. इस बात का ऐलान राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने देश के संबोधन के दौरान किया. वहीं राष्ट्रपति के इस ऐलान के साथ ही इन दो अलगाववादी प्रांतो में सेना की तैनाती शुरू कर दी है. रूस के इस कदम का दुनिया के कई देश कड़ी आलोचना कर रहे हैं. वहीं, रूस-यूक्रेन के बीच बने इस तनावपूर्ण स्थिति पर भारत ने कहा कि, मामले को बातचीत से सुलझाया जा सकता है.


देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बयान देते हुए कहा कि, "यूक्रेन-रूस मामले पर भारत चाहता है कि बातचीत के जरिए मामले का समाधान निकाला जाए." उन्होंने कहा कि, "अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि वो रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ बात करेंगे. अगर दोनों की बातचीत होती है तो निश्चित तौर पर समाधान निकलेगा." उन्होंने आगे कहा कि, "सूचना मिली है कि यूएस राष्ट्रपति ने कहा है कि वो पुतिन से बात करने  को तैयार हैं."


खूनी संघर्ष करने का कोई इरादा नहीं- रूस


बता दें, पुतिन का दो प्रांतों लुहांस्क-डोनेस्टक को स्वतंत्र देश घोषित करने के कदम के बाद ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई. यूक्रेन पर UNSC की बैठक में रूस का कहना है कि हमारी तरफ से इस मसले के डिप्लोमैटिक हल के रास्ते खुले हैं. हालांकि, हमारा डोनबास इलाके में किसी तरह का खूनी संघर्ष करने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन इस मामले में अमेरिका की लीडरशिप में पश्चिमी देशों की नेगेटिव रोल ने हमें मजबूर कर दिया है. वहीं मीटिंग में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि रूसी संघ के साथ यूक्रेन की सीमा पर बढ़ता तनाव गहरी चिंता का विषय है. इन घटनाक्रमों की वजह से क्षेत्र की शांति और सुरक्षा कमजोर हो सकती है.


यूक्रेन को लेकर कई देश सख्त


उधर, अमेरिका यूक्रेन के मसले को लेकर काफी सख्त है. अमेरिका यूरोपीय यूनियन, नाटो, ब्रिटेन समेत कई देशों ने प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी (Jen Psaki) ने कहा है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) यूक्रेन के डीएनआर और एलएनआर क्षेत्रों में नए निवेश, व्यापार और वित्तपोषण को प्रतिबंधित करने के लिए जल्द ही एक कार्यकारी आदेश जारी करेंगे.


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