HAL Helicopters: थलसेना और वायुसेना के पुराने पड़ चुके चीता और चेतक हेलीकॉप्टर्स को बदलने का समय आ गया है. मंगलवार को रक्षा मंत्रालय ने एचएएल से 12 लाइट यूटिलिटी (एलयूएच) हेलीकॉप्टर्स खरीदने की मंजूरी दे दी है.
माना जा रहा है कि अगले साल यानि अगस्त 2022 तक इन एलयूएच हेलीकॉप्टर्स की डिलीवरी शुरू हो जाएगी. हालांकि, थलसेना और वायुसेना को करीब 170 हेलीकॉप्टर्स की जरूरत है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, मंगलवार को रक्षा मंत्री के नेतृत्व वाली रक्षा खरीद (अधिग्रहण) परिषद ने 12 एलएयूएच हेलीकॉप्टर्स के 'आवश्यकता की स्वीकृति' दे दी है. ये किसी भी रक्षा-खरीद का पहला चरण होता है जिसके बाद अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
परिषद ने 7965 करोड़ के प्रपोजल को मंजूरी दी
मंत्रालय के मुताबिक, परिषद ने मंगलवार की बैठक में कुल 7965 करोड़ के प्रपोजल को मंजूरी दी. ये सभी मेक इन इंडिया के तहत स्वीकृत किए गए हैं. इसमें 12 एलएयूएच हेलीकॉप्टर का सबसे बड़ा प्रस्ताव मंजूर किया गया है.
थलसेना और वायुसेना के चीता और चेतक हेलाकॉप्टर काफी पुराने पड़ चुके हैं. ऐसे में इनके रिपलेसमेंट के लिए 170 नए हेलीकॉप्टर की जरूरत है. लेकिन रक्षा मंत्रालय ने फिलहाल 12 एलयूएच हेलीकॉप्टर की स्वीकृति दी है. इन एलयूएच को इस्तेमाल करने के बाद उनकी क्षमताओं को परखने के बाद और एलयूएच हेलीकॉप्टर्स की खरीद को मंजूरी दी जा सकती है. इसके अलावा रूस के साथ भी भारत की कामोव हेलीकॉप्टर के लिए बातचीत चल रही है. ये कामोव हेलीकॉप्टर भी चीता-चेतक हेलीकॉप्टर की जगह लेंगे.
मिड-लाइफ अपग्रेडेशन की स्वीकृति भी दी
12 एलयूएच के अलावा मंगलवार को रक्षा खरीद परिषद ने नौसेना के लिए लिंक्स यू-टू फायर कंट्रोल सिस्टम है जो युद्धपोतों की टोही क्षमताओं को बढ़ाने के लिए है. ये यू-टू सिस्टम भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड (बीईएल) से लिए जाएंगे.
रक्षा खरीद परिषद ने नौसेना के टोही विमान, डोर्नियर की समुद्री क्षमताओं को बढ़ाने के लिए मिड-लाइफ अपग्रेडेशन की स्वीकृति भी दी है. नौसेना के युद्धपोतों के लिए सुपर रेपिड गन माउंट (एसआरजीएम) के साथ साथ ग्लोबल प्रोक्योरमेंट के जरिए नेवल गन्स लेने को भी परिषद ने मंजूरी दी है.
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