Defence Ministry AFBCWF Website Launch: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में 'मां भारती के सपूत' नाम की वेबसाइट लॉन्च की. ये वेबसाइट आर्म्ड फोर्सेज बैटल कैज्युलटी वेलफेयर फंड (AFBCWF) के लिए बनाई गई है जिसमें देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों के परिवार वालों को तुरंत आर्थिक सहायता दी जाएगी.


इस दौरान केंद्रीय रक्षामंत्री ने कहा कि जब हम अपने सैनिकों या उनके परिवारवालों के लिए कुछ कर रहे होते हैं तो हमें कहीं यह न लगे कि हम चैरिटी कर रहे हैं या कोई एहसान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमने राष्ट्र के लिए जो कुछ किया उसकी कीमत तो कभी भी नहीं चुकाई जा सकती है.


किस लिए बनाई गई है ये वेबसाइट?
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक हालांकि सरकार की तरफ से वीरगति को प्राप्त सैनिकों के नेक्सट ऑफ किन (एनओके) के लिए कई लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं लेकिन कई बार देशभक्त नागरिकों की तरफ से भी मदद करने के सुझाव दिए जाते रहे हैं. 


इसलिए कर्तव्य को पूरा करते समय सर्वोच्च बलिदान देने या फिर शारारिक तौर से विकलांग सैनिकों को मदद करने के लिए आम नागरिक, कॉर्पोरेट हेड्स या फिर उद्योग जगत की हस्तियों की तरफ से आर्थिक मदद देने की पेशकश की जाती है. इस नेक काम के लिए बनाई गई वेबसाइट ऐसे देशभक्त नागरिकों को ध्यान में रखकर ही तैयार की गई है. 


कौन हैं गुडविल एंबेसडर?
वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों के परिवारों की मदद की लिए बनाई जा रही वेबसाइट, 'मां भारती के सपूत' वेबसाइट के लिए सुपर-स्टार, अमिताभ बच्चन 'गुडविल एंबेसडर' हैं.  शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ' दिल्ली में नेशनल वॉर मेमोरियल पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में इस वेबसाइट को लॉन्च करते वक्त सीडीएस, जनरल अनिल चौहान सहित सेना के तीनों अंगों के प्रमुख, पूर्व सेना प्रमुख, परमवीर चक्र विजेता योगेद्र यादव, मनोज मुंतसिर, मोहित चौहान, कविता कृष्णामूर्ति, डॉक्टर एल सुब्रमण्यम शामिल थे. कार्यक्रम में अमिताभ बच्चन का वीडियो संदेश प्रसारित किया गया.


भारत के वीर नाम की भी बनी हुई है वेबसाइट
कार्यक्रम के दौरान, वीरगति को प्राप्त सैनिकों के परिवार के सदस्य भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए. सेना में ड्यूटी के दौरान विकलांग हुए सैनिक और अलंकृत-सैनिकों के माता-पिता और रिश्तेदारों को भी आमंत्रित किया गया था. भारत के वीर नाम से एक ऐसी सरकारी वेबसाइट पहले से ही चल रही है. लेकिन ये वेबसाइट गृह मंत्रालय के अधीन अर्द्धसैनिक बलों (सीआरपीएफ, बीएसएफ इत्यादि) के जवानों के लिए ही है. ऐसे में थलसेना, वायुसेना और नौसेना के लिए भी एक ऐसी ही वेबसाइट लॉन्च करने का फैसला लिया गया. 


क्या बोले गृहमंत्री राजनाथ सिंह?
शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कहा कि मैं यह चाहता हूं, कि हमें व्यक्तिगत या संस्थागत यश, प्रतिष्ठा और सम्मान की भावना से ऊपर उठकर अपने देश, अपने समाज और अपने सैनिकों के कल्याण के लिए काम करना है,  इस राष्ट्र ने हमें अब तक बहुत कुछ दिया है साथियों, अब हमारी बारी है, कि राष्ट्र को हम कुछ अर्पित करें.


राजनाथ सिंह ने कहा कि चाहे भारत की अखंडता, और संप्रभुता की रक्षा के लिए लड़े गए युद्धों में जीत हासिल करना हो, या फिर सीमा पार से हो रही आतंकी गतिविधियों का मुकाबला करना हो, हमारी आर्म्ड फोर्सेज़ ने बड़ी मुस्तैदी से, चुनौतियों का मुंहतोड़ जवाब दिया है. इस दौरान हमारे बहुत सारे वीरों ने अपना सर्वस्व बलिदान भी दिया है, और कई सैनिक अक्षम भी हुए हैं, इसलिए हमारा पूरा दायित्व बनता है, कि हम उन सैनिकों, और उनके परिजनों के सहयोग में आगे आएं.


'किसी भी देश के लिए सर्वोपरि है सुरक्षा'
रक्षा मंत्री ने कहा कि किसी भी समाज के लिए सुरक्षा सर्वोपरि है, तो स्पष्ट तौर पर यह कहा जा सकता है, कि सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले वीर सैनिकों, और उनके परिवार के कल्याण के प्रति समाज के सभी वर्गों की अहम् ज़िम्मेदारी है,  आज का यह आयोजन, इसी सामाजिक ज़िम्मेदारी के निर्वहन का एक माध्यम है.


उन्होने कहा कि सन 1962 के युद्ध में, राष्ट्र के आह्वान पर इस देश की जनता ने दिल खोल कर दान किया था, जिससे हमारे सैनिकों की ‘अस्त्र-शस्त्र’ से लेकर ‘वस्त्र’ तक की जरूरतें पूरी हो सकें,  हमारी माताओं, बहनों और बहुओं ने अपने गहने, और लोगों ने अपने जीवन भर की पूँजी हमारी सेनाओं को दान कर दी थी. इसलिए अपने राष्ट्र की सुरक्षा के प्रति, अपने उत्तरदायित्व को निभाने के लिए हमें 'बड़े', और 'खुले' मन से आगे आना चाहिए,  यह हमारा 'नैतिक' और 'राष्ट्रीय' दायित्व है.


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