सूत्रों ने बताया कि यह अभियान तुरंत शुरू हो गया, लेकिन देश के कुछ हिस्सों में इसमें देरी हुई. रिजर्व बैंक ने कहा कि देश के कुछ हिस्सों में नकदी संकट की एक वजह एटीएम को तेजी से भरने में लॉजिस्टिक की समस्या है. साथ ही एटीएम को नए जारी नोट के अनुकूल बनाने का काम भी चल रहा है.
इस बीच पिछले कुछ दिन से दो हजार रुपए के नोट की छपाई भी रुकी हुई है. वहीं, आर्थिक मामलों के सचिव एस सी गर्ग ने कहा कि दो हजार के नोट की और आपूर्ति करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह पहले से ही अत्यधिक आपूर्ति की स्थिति में है.
पांच गुना बढ़ जाएगी 500 रुपये के नोटों की छपाई
बता दें कि सरकार ने आज माना कि बाजार में दो हजार रुपये के नोटों की ताजा सप्लाई रोक दी गयी है, क्योंकि बाजार में पर्याप्त मात्रा में ये नोट मौजूद हैं. दूसरी ओर सरकार ने ये भरोसा जताया कि जल्द ही 500 रुपये के नोटों की छपाई पांच गुना बढ़ जाएगी. बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश समेत कुछ राज्यों में एटीएम खाली पड़े हैं और नोटबंदी के बाद जैसी स्थिति है जब ना तो एटीएम से और ना ही शाखाओं से जरुरत के मुताबिक नकदी मिल पाती है.
क्यों हो रही है कैश की दिक्कत?
एसबीआई के मुताबिक, ग्राहक बैंक में नकद कम जमा कर रहे हैं और आरबीआई बैंकों की मांग के मुताबिक नकद जारी नहीं कर रहा है. आपको बता दें कि सूत्रों के मुताबिक एसबीआई के बिहार में 1100 एटीएम हैं. 1100 एटीएम में रोजाना 250 करोड़ रुपये की जरूरत है. लेकिन अभी 125 करोड़ रुपये यानी आधा पैसा ही मिलता है. पटना में सिर्फ सरकारी बैंकों में ही नहीं प्राइवेट बैंकों के एटीम में भी कैश की किल्लत है.
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